क्या ट्रंप की नई टैरिफ चेतावनी रूस-भारत तेल व्यापार को प्रभावित करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और रूस के बीच तेल व्यापार जारी है।
- ट्रंप की चेतावनी ने भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा किया है।
- भारत ने ट्रंप के दावों का खंडन किया है।
- भारत अपने नागरिकों के हितों की रक्षा कर रहा है।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगे हैं।
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत और रूस के बीच की गहरी मित्रता खटक रही है। इसलिए, वह बार-बार रूस और भारत के बीच तेल व्यापार को रोकने के लिए टैरिफ की धमकी दे रहे हैं। हाल ही में, ट्रंप ने भारत को एक नई टैरिफ चेतावनी दी है।
ट्रंप ने कहा है कि यदि भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा, तो वह भारत पर नई टैरिफ लगाने पर विचार कर सकते हैं।
हालांकि, ट्रंप ने यह दावा किया कि भारत ने कहा था कि वह रूस से तेल नहीं खरीदेगा, जिस पर भारत ने स्पष्ट रूप से इनकार किया है। भारत ने कहा कि उनके साथ इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।
अमेरिकी मीडिया ने राष्ट्रपति से सवाल किया, "क्या यह सच है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद करने का वादा किया?" ट्रंप ने उत्तर दिया, "यदि ऐसा है, तो उन्हें भारी टैरिफ देना होगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्होंने ऐसा कहा।"
इस पर ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारतरूस से तेल खरीदने का मामला नहीं करेंगे।
इस बयान ने भारतीय कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। यह बात ट्रंप को पसंद नहीं आ रही है। भारत का तर्क है कि वे अपने नागरिकों के हितों के लिए सस्ता तेल खरीद रहे हैं।
ट्रंप का यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों पर नई बहस छेड़ रहा है। एक ओर, दोनों देश रक्षा, तकनीक और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, ऐसी धमकियां अविश्वास का माहौल भी पैदा कर सकती हैं।