क्या सहारा समूह पर ईडी की बड़ी कार्रवाई हुई? नौ ठिकानों पर छापेमारी

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क्या सहारा समूह पर ईडी की बड़ी कार्रवाई हुई? नौ ठिकानों पर छापेमारी

सारांश

कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय ने सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापेमारी की। 11 अगस्त को गाजियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में कुल 9 ठिकानों पर कार्रवाई की गई, जिससे समूह की धोखाधड़ी योजनाओं का पर्दाफाश हुआ।

Key Takeaways

  • ईडी ने सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की कार्रवाई की।
  • गाजियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में छापे मारे गए।
  • सहारा समूह के खिलाफ 500 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं।
  • आरोप है कि सहारा समूह ने पोंजी स्कीम चलाई।
  • ईडी ने महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।

कोलकाता, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता जोनल कार्यालय ने 11 अगस्त को सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की। ईडी ने गाजियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में कुल 9 ठिकानों पर छापे मारे। ये स्थान सहारा समूह से संबंधित विभिन्न भूमि और शेयर लेन-देन से जुड़े संस्थानों से जुड़े थे।

ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुरू की। इसकी प्रारंभिक जांच ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई तीन एफआईआर पर आधारित है। ये एफआईआर हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एचआईसीसीएसएल) और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत दर्ज की गई थीं।

अब तक, सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों के खिलाफ 500 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें 300 से ज्यादा पीएमएलए के तहत अपराधों से संबंधित हैं।

आरोप है कि सहारा समूह ने जबरन पुनर्निवेश और मैच्योरिटी भुगतान में देरी करके निवेशकों को बड़े पैमाने पर धोखा दिया। ईडी की जांच में यह पता चला है कि सहारा समूह ने एचआईसीसीएसएल, एससीसीएसएल, एसयूएमसीएस, एसएमसीएसएल, एसआईसीसीएल, एसआईआरईसीएल, एसएचआईसीएल और अन्य संस्थाओं के माध्यम से एक पोंजी स्कीम चलाई।

इस स्कीम में निवेशकों और एजेंटों को ऊंचे रिटर्न और कमीशन का लालच देकर पैसे जमा कराए गए। इन फंड्स का उपयोग बिना किसी नियामक नियंत्रण और निवेशकों की जानकारी के मनमाने तरीके से किया गया। निवेश की मैच्योरिटी पर भुगतान नहीं किया गया, बल्कि दबाव डालकर या गलत जानकारी देकर फिर से निवेश कराया गया।

खातों में हेरफेर करके इन गैर-भुगतान को छिपाया गया। वित्तीय क्षमता के अभाव में भी समूह ने नए निवेश लेने का सिलसिला जारी रखा और इन पैसों का एक हिस्सा संदिग्ध शेयर लेन-देन, बेनामी संपत्ति बनाने और निजी खर्चों में लगाया गया।

समूह की संपत्तियां भी आंशिक नकद भुगतान पर बेची गईं, जिससे निवेशकों के वैध दावों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और रिकॉर्ड जब्त किए और संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए।

इससे पहले, ईडी ने इस मामले में तीन अस्थायी कुर्की आदेश जारी किए हैं। अंबी वैली में लगभग 1,460 करोड़ रुपए की 707 एकड़ जमीन, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड में लगभग 1,538 करोड़ रुपए की 1,023 एकड़ भूमि, और चांदनी रॉय (पत्नी: सीमांत रॉय) की 14.75 करोड़ रुपए की चल संपत्ति शामिल हैं।

ईडी पहले ही सहारा समूह के चेयरमैन के कार्यकारी निदेशक अनिल वैलापरमपिल अब्राहम और लंबे समय से जुड़े प्रॉपर्टी ब्रोकर जितेंद्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में जांच जारी है और आगे और खुलासे होने की संभावना है।

Point of View

यह मामला देश की वित्तीय सुरक्षा और निवेशक संरक्षण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। सहारा समूह की गतिविधियों ने न केवल निवेशकों को धोखा दिया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमारे नियामक संरचनाओं में सुधार की आवश्यकता है। हमें इस मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने सहारा समूह के खिलाफ क्यों कार्रवाई की?
ईडी ने सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कार्रवाई की है, जिसमें निवेशकों को धोखा देने और पोंजी स्कीम चलाने के आरोप हैं।
कहाँ-कहाँ छापेमारी की गई?
ईडी ने गाजियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में कुल 9 ठिकानों पर छापेमारी की।
क्या सहारा समूह के खिलाफ पहले भी कार्रवाई हुई है?
हाँ, सहारा समूह के खिलाफ पहले भी 500 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से अधिकांश पीएमएलए के तहत हैं।
ईडी ने क्या दस्तावेज जब्त किए?
छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए हैं।
क्या इस मामले में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं?
जांच जारी है, और आगे और गिरफ्तारियों की संभावना बनी हुई है।