क्या सैन्य धाम अमर आत्माओं का प्रतीक, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा? : सीएम धामी

सारांश
Key Takeaways
- सैन्य धाम अमर आत्माओं का प्रतीक है।
- मुख्यमंत्री ने शहीदों को सम्मानित किया।
- यह कार्यक्रम देशभक्ति को प्रेरित करेगा।
- राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए प्रयासरत है।
- शहीदों के बलिदान को नमन किया गया।
लैंसडाउन, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने इस पावन स्थल से शहीदों की वीरगाथाओं और उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया।
सीएम धामी ने शहीदों के परिजनों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने आर्मी बैंड का निरीक्षण किया और जवानों को शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद गब्बर सिंह नेगी की प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज देश की सुरक्षा वीर गब्बर सिंह नेगी जैसे अमर सपूतों के कारण है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों के शहीदों की पवित्र मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सभी ने मौन रखकर शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। यह पवित्र मिट्टी देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम में ले जाई जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैनिकों और उनके परिजनों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कोटद्वार में स्थित सैनिक विश्राम गृह का जीर्णोद्धार करने, निदेशालय सैनिक कल्याण में वीर नारियों एवं पूर्व सैनिकों की नियुक्ति की घोषणा की। उन्होंने शहीदों के नाम पर स्थानों का नामकरण भी किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों और विधवाओं को सम्मान राशि दी जाएगी। सैन्य धाम केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि अमर आत्माओं का प्रतीक है। यह कार्यक्रम उन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में लगभग हर घर का सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। शहीदों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाई गई है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा सैनिकों के लिए की गई सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत आज रक्षा क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है। उन्होंने प्रदेशवासियों से 'एक पेड़ शहीदों के नाम' लगाने का आग्रह किया।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 'शहीद सम्मान यात्रा 2.0' का लैंसडाउन में सफल समापन हुआ है। मुख्यमंत्री सदैव सैनिकों और वीर नारियों के कल्याण के प्रति संवेदनशील रहते हैं।