क्या इटावा मामले में साक्षी महाराज ने पूछा, कथावाचकों ने अपनी पहचान क्यों छुपाई?

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क्या इटावा मामले में साक्षी महाराज ने पूछा, कथावाचकों ने अपनी पहचान क्यों छुपाई?

सारांश

भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी की निंदा की और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जातिवाद के आरोप लगाए। उन्होंने सवाल उठाया कि कथावाचकों ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश क्यों की। जानिए इस मामले में क्या कहा साक्षी महाराज ने।

Key Takeaways

  • साक्षी महाराज ने जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई है।
  • इटावा में कथावाचकों के साथ हुई घटना को निंदनीय बताया गया।
  • सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जातिवाद का आरोप लगाया गया।
  • सरकार की राजनीति एकात्म मानववाद पर आधारित होनी चाहिए।

लखनऊ, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक के साथ हुए बदसलूकी मामले में शनिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जाति के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सपा प्रमुख को कड़े लहजे में हिदायत देते हुए कहा कि आप मेहरबानी करके जाति के नाम पर राजनीति करके समाज में विष घोलना बंद कीजिए। यह समाज आपकी राजनीति कभी स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने इटावा में कथावाचकों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को निंदनीय बताया। बोले, "हम इस प्रकरण की निंदा करते हैं। लेकिन, सवाल यह है कि आखिर इन दोनों कथावाचकों ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश क्यों की? उनकी जो पहचान थी, उन्हें उसी पहचान में रहकर वहां सत्संग का आयोजन करना चाहिए था।"

साक्षी महाराज ने कथावाचक के प्रकरण को रावण से जोड़ते हुए कहा, "आज तक हमारे समाज में जिस किसी ने भी अपनी मौलिक पहचान छुपाने की कोशिश की, उसे अपमानजनक व्यवहार का सामना करना ही पड़ा। रावण इसका एक प्रासंगिक उदाहरण है। मेरा सीधा सा सवाल है कि आखिर दोनों कथावाचकों ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश क्यों की? दोनों कथावाचकों के पास से दो दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसमें एक दस्तावेज से पता चलता है कि यह ब्राह्मण हैं, तो दूसरे से पता चलता है कि यादव हैं। ऐसे में सवाल यह है कि इन लोगों ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश क्यों की?"

उन्होंने सपा अखिलेश यादव को ‘जातिवादी’ बताया। उन्होंने कहा, "अखिलेश यादव की पूरी राजनीति ही जातिवाद पर टिकी हुई है। अगर उनके राजनीतिक जीवन से जातिवाद को हटा दिया जाए, तो निश्चित तौर पर उनके पास कुछ नहीं रह जाता है। वो शून्य हो जाते हैं, जबकि भाजपा की पूरी राजनीति एकात्म मानववाद और अंत्योदय पर टिकी हुई है। इन दोनों के बिना भाजपा की राजनीति पूर्ण नहीं होती है।”

उन्होंने सनातन धर्म का हवाला देते हुए कहा कि हमारे समाज में जातिवाद का कोई स्थान नहीं है, तुष्टिकरण का कोई स्थान नहीं है। सनातन धर्म सभी को साथ लेकर चलने वाला धर्म है। हम लोग अखिलेश यादव की तरह नहीं हैं, जो जाति के आधार पर राजनीति करते हैं।

साक्षी महाराज ने डॉ. भीम राम अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी पहचान नहीं छुपाई। वो दलित समुदाय से आते थे, लेकिन उन्होंने कई बड़े कीर्तिमान स्थापित किए। इस वजह से आज उन्हें पूरा देश सम्मान करता है। उन्हें हर वर्ग, हर समुदाय का व्यक्ति सम्मान करता है। उन्होंने संविधान की रचना की थी।

Point of View

लेकिन यह भी आवश्यक है कि हम सभी समुदायों को एक साथ लाने की कोशिश करें। समाज में एकता और समानता का होना जरूरी है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

साक्षी महाराज ने इटावा मामले में क्या कहा?
साक्षी महाराज ने इटावा में कथावाचकों के साथ हुए बदसलूकी की निंदा की और अखिलेश यादव पर जातिवाद के आरोप लगाए।
क्यों साक्षी महाराज ने कथावाचकों की पहचान छुपाने पर सवाल उठाया?
उन्होंने कहा कि किसी को अपनी मौलिक पहचान छुपाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।