क्या इटावा की घटना से समाजवादी पार्टी का कोई संबंध नहीं?

सारांश
Key Takeaways
- समाजवादी पार्टी ने प्रदर्शन से खुद को अलग किया है।
- पार्टी ने पुलिस प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए।
- राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
इटावा, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। इटावा जनपद के बकेवर थाना क्षेत्र में स्थित दंदरपुर गांव में हाल ही में हुई हिंसा और प्रदर्शन के बारे में समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट रूप से इस घटनाक्रम से खुद को अलग कर लिया है।
पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू और प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि इस प्रदर्शन का समाजवादी पार्टी से कोई संबंध नहीं है और न ही पार्टी ने इसे आयोजित करने का कोई आह्वान किया था।
प्रेस वार्ता के दौरान सपा नेताओं ने कहा कि दंदरपुर की घटना में समाजवादी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है और जो भी प्रदर्शन हुआ, वह पार्टी की जानकारी या सहमति से नहीं हुआ। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कुछ सदस्यों पर आरोप लगाया कि वे इस घटना को भड़काने में शामिल थे।
सपा प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा की गई ढिलाई और असंवेदनशीलता के कारण हालात बिगड़ गए। उन्होंने मांग की कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और निर्दोष स्थानीय एवं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
इटावा के उप जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू ने कहा कि यह प्रदर्शन समाजवादी पार्टी के बैनर तले नहीं हुआ और पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है। गोपाल यादव ने कहा, "पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण हालात बिगड़े हैं। निर्दोष कार्यकर्ताओं को निशाना न बनाया जाए।"
आपको बता दें कि इटावा में एक कथावाचक के साथ मारपीट और अभद्रता का मामला सामने आया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
हालांकि, इस घटना ने अब राजनीतिक मोड़ ले लिया है और पक्ष-विपक्ष के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इस मामले पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है और जाति की राजनीति करने जैसे आरोप भी लगाए हैं।