क्या राहुल-प्रियंका के आरोपों पर संबित पात्रा का पलटवार उचित था?

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क्या राहुल-प्रियंका के आरोपों पर संबित पात्रा का पलटवार उचित था?

सारांश

संबित पात्रा ने कांग्रेस रैली पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने राहुल और प्रियंका के बयानों को अनुचित बताया। क्या यह आरोप राजनीति की नई चाल हैं? जानें इस खबर में।

Key Takeaways

  • संबित पात्रा ने कांग्रेस के आरोपों को अनुचित कहा।
  • चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाना लोकतंत्र के लिए खतरा है।
  • भारत का चुनावी तंत्र मजबूत और स्वतंत्र है।
  • कांग्रेस की पुरानी रणनीतियों पर सवाल उठाए गए।
  • भाजपा लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने रविवार को कांग्रेस की रैली पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस ने अपनी रैली में जिस तरह से 'वोट चोरी' का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चुनाव आयोग पर तंज कसने की कोशिश की, वह पूरी तरह से अनुचित है।

संबित पात्रा ने रैली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के बयानों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग भारत की एक संवैधानिक संस्था है, और इसके खिलाफ इस तरह के बयान देना एकदम गलत है।

उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाए हैं, लेकिन आज उनकी भाषा का स्तर बहुत ही निम्न था। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बयान ऐसे थे जैसे वे बार-बार झूठ बोलकर देश की चुनाव प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हों। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह का धमकाना या संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ बयान देना लोकतंत्र के लिए खतरा है।

संबित पात्रा ने लोगों को याद दिलाया कि भारत का चुनावी तंत्र मजबूत और स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि सदन में हमेशा इस तरह के आरोपों पर खुलकर बहस होती रही है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस पर स्पष्टता भी दी है। उन्होंने उदाहरण दिया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के समय भी चुनाव में आरोप लगे थे, लेकिन लोकतंत्र मजबूत रहा। आज भी कांग्रेस वही पुरानी चाल चल रही है।

उन्होंने कहा कि आज की रैली में कुछ चैनलों ने दिखाया कि वहां जो नारे लगे, वे पूरी तरह गलत और भड़काने वाले थे। कई लोग चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं पर सीधे हमले करने वाले नारे लगा रहे थे। किसी को चुनाव आयुक्त के रूप में दिखाया गया, किसी को पुलिस या कैदी बनाकर पेश किया गया। यह पूरी तरह से भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर हमला है।

संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस कभी भी भारत के संवैधानिक सिद्धांतों का सम्मान नहीं करती। उन्होंने यह भी कहा कि यह रैली 'घुसपैठिया बचाओ आंदोलन' के नाम पर थी; जनता उसमें मौजूद नहीं थी। यह आंदोलन तभी सफल होगा जब चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे और एफआईआर के माध्यम से सभी मुद्दों की जांच होगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस का उद्देश्य लोकतंत्र को कमजोर करना और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना है।

संबित पात्रा ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र, संवैधानिक संस्थाओं और कानून के दायरे में हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि जनता इस प्रकार के आरोपों और नकारात्मक प्रचार को समझती है और लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था बनाए रखेगी। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी बार-बार वही पुराने झूठ और आरोप दोहराती रही है, लेकिन जनता सच को समझती है और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाए रखती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक बयानबाजी हमेशा चुनावी मौसम में बढ़ती है। संबित पात्रा का आरोप कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठाता है, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि लोकतंत्र में सभी पक्षों की आवाज़ महत्वपूर्ण होती है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

संबित पात्रा ने क्या कहा?
संबित पात्रा ने कांग्रेस की रैली पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके द्वारा उठाए गए आरोप अनुचित हैं।
कांग्रेस ने किस मुद्दे पर आरोप लगाया?
कांग्रेस ने 'वोट चोरी' का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री व चुनाव आयोग पर तंज कसा।
क्या संबित पात्रा ने चुनाव आयोग के बारे में क्या कहा?
उन्होंने चुनाव आयोग को एक संवैधानिक संस्था बताया और इसके खिलाफ बयान देने को अनुचित करार दिया।
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