क्या समिक भट्टाचार्य के नेतृत्व में भाजपा 2026 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी?

सारांश
Key Takeaways
- समिक भट्टाचार्य का नामांकन भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने उनकी योग्यता की सराहना की।
- 2026 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का लक्ष्य ममता बनर्जी की सरकार को गिराना है।
- भाजपा कार्यकर्ता उत्साहित हैं और विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
- समिक भट्टाचार्य का नेतृत्व भाजपा का आगामी चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण हो सकता है।
कोलकाता, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता समिक भट्टाचार्य ने अपना नामांकन प्रस्तुत किया। उनके नामांकन के बाद भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने बताया कि उनके नेतृत्व में भाजपा 2026 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
अग्निमित्रा पॉल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि समिक भट्टाचार्य एक योग्य नेता हैं और उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। वे एक सच्चे भाजपा कार्यकर्ता हैं। हम सभी भाजपा के कार्यकर्ता 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए बहुत उत्साहित हैं और उनके नेतृत्व में हम चुनाव में उतरेंगे। आज बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ता खुश और उत्साहित हैं। उनका एकमात्र लक्ष्य है कि ममता बनर्जी की सरकार को गिराकर प्रदेश में विकास
भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने समिक भट्टाचार्य के नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की। पोस्ट में उन्होंने लिखा, समिक भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। इसके बाद हम सभी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक चाय सत्र आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की गई।
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने पर समिक भट्टाचार्य ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो आदेश दिया, उसका पालन करते हुए मैंने नामांकन दाखिल किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद वर्तमान में बिहार प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भाग ले रहे हैं। जब यह बैठक समाप्त होगी और वे यहां आएंगे, तो अंतिम निर्णय केवल वही लेंगे। इस पर मुझे आगे कुछ नहीं कहना है। जो भी फैसला होगा, रविशंकर प्रसाद को लेना है।