क्या संजय निषाद ने महागठबंधन को चेताया? प्रदेश नेता से नहीं नीति से चलता है
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की गलतफहमी दूर होनी चाहिए।
- बिहार के लोग अब जागरूक हैं।
- वोटिंग अब नीति पर आधारित है।
- विकास के प्रति लोगों का झुकाव है।
- बयान से नहीं, कामों से चलती है राजनीति।
लखनऊ, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद ने शुक्रवार को बिहार में वोट काउंटिंग के प्रारंभिक रुझानों में एनडीए की बढ़त पर कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रदेश में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन को यह लगता है कि वे प्रदेश की जनता को दिग्भ्रमित कर देंगे, तो ऐसा नहीं होगा।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में संजय निषाद ने कहा कि महागठबंधन को अपनी गलतफहमी को दूर कर लेना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। प्रदेश की जनता पूरी तरह से जागरूक है। पहले लोगों को जागरूकता की कमी के चलते बेवकूफ बनाया जाता था, लेकिन आज सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें सभी प्रकार की जानकारी मिल रही है। आप उन्हें मूर्ख नहीं बना सकते।
मंत्री संजय निषाद ने कहा कि बिहार बुद्ध की भूमि है। यहां के लोग प्रबुद्ध हैं। ये जानते हैं कि क्या अच्छा है, क्या बुरा है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के लोगों ने एनडीए को मतदान किया है, क्योंकि अब वहां के लोग प्रदेश में विकास चाहते हैं।
विकास कार्यों को लेकर अब बिहार की जनता किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करने वाली है। इसी वजह से आज की स्थिति में एनडीए के पक्ष में प्रदेश का राजनीतिक माहौल बना हुआ है।
वहीं, बिहार में इंडिया गठबंधन के नेता द्वारा किए जा रहे दावों पर संजय निषाद ने कहा कि अब इन लोगों को समझना होगा कि प्रदेश किसी नेता से नहीं, बल्कि नीति से चलता है, लेकिन यह दुखद है कि महागठबंधन के नेताओं ने आज तक नीति पर जोर नहीं दिया। अगर इन लोगों ने नीति पर जोर दिया होता, तो आज इनके लिए हालात अलग होते।
प्रशांत किशोर के इस दावे पर कि इस बार एनडीए का गणित खराब हो जाएगा, संजय निषाद ने कहा कि सबसे पहले उन्हें यह समझना होगा कि कोई भी प्रदेश बयान से नहीं, बल्कि कामों से चलता है। इन लोगों ने कोई काम नहीं किया, केवल बयानों की बौछार की है, इससे कुछ भी नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में बिहार की जनता कार्यों के आधार पर वोट देती है और एनडीए सरकार ने काम किया है। इसी का नतीजा है कि प्रारंभिक रुझानों में एनडीए आगे है। अब यह अंतिम परिणामों में भी बदल जाएगा।