क्या संजय राउत ने उत्तरकाशी त्रासदी पर दुख व्यक्त किया और सरकार को पहाड़ी राज्यों पर ध्यान देने की सलाह दी?

सारांश
Key Takeaways
- संजय राउत ने उत्तराखंड में बादल फटने की चिंता जताई।
- सरकार को पहाड़ी राज्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
- पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है।
- ट्रंप के बयानों ने भारत की व्यापार नीति पर सवाल उठाया है।
- इंडिया ब्लॉक की बैठक में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
मुंबई, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बुधवार को उत्तराखंड में हुई बादल फटने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अनेक पर्यटक देशभर से पहाड़ी राज्यों की ओर आते हैं। वैष्णो देवी, अमरनाथ, और केदारनाथ जैसे तीर्थ स्थलों की ओर यात्रा करते हैं, इसलिए सरकार को उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के सैकड़ों पर्यटक बाढ़ के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में फंस गए हैं, जिससे पूरे देश में चिंता का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि इन स्थलों पर सुरक्षा के लिए ठोस इंतजाम किए जाने चाहिए ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसके अतिरिक्त, संजय राउत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत को व्यापार के लिए एक अच्छा साथी नहीं बताया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा है कि भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। ट्रंप का यह बयान यह सवाल उठाता है कि बिना व्यापार के इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था कैसे बनेगी? क्या ट्रंप पीएम मोदी को झूठा साबित कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि ट्रंप बार-बार पीएम मोदी का अपमान कर रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री के खिलाफ नकारात्मक माहौल बन रहा है।
इसके साथ ही, संजय राउत ने इंडिया ब्लॉक की बैठक पर भी चर्चा की और बताया कि इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा, जैसे देश की वर्तमान स्थिति, पीएम मोदी के दावों की सच्चाई, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार चुनाव।
उन्होंने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य एक-दूसरे से मिलना और मुद्दों पर चर्चा करना है, ताकि एकजुटता बनी रहे। हालांकि, उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया। पंजाब में कांग्रेस के खिलाफ आप की सत्ता होने के कारण दोनों दलों के बीच गठबंधन में कुछ असमानताएँ दिखाई दे रही हैं।