क्या ग्रेट बैरियर रीफ में जलवायु परिवर्तन के कारण प्रवाल की संख्या में कमी आ रही है?

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क्या ग्रेट बैरियर रीफ में जलवायु परिवर्तन के कारण प्रवाल की संख्या में कमी आ रही है?

सारांश

ग्रेट बैरियर रीफ में प्रवाल का आवरण तेजी से घटने लगा है। हाल की रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री तापमान में वृद्धि हो रही है। इससे प्रवाल की संख्या में कमी आ रही है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।

Key Takeaways

  • ग्रेट बैरियर रीफ की स्थिति चिंताजनक है।
  • समुद्री तापमान में वृद्धि प्रवाल की संख्या में कमी का प्रमुख कारण है।
  • अम्लीकरण भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
  • एक्रोपोरा प्रजाति के प्रवाल सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
  • संरक्षण प्रयासों में तेजी लाने की आवश्यकता है।

सिडनी, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया की प्रसिद्ध ग्रेट बैरियर रीफ में कठोर प्रवाल का आवरण तेजी से घट रहा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में रिकॉर्ड वृद्धि के बाद, यह अब अपने पूर्व औसत स्तर पर वापस लौट आया है। बुधवार को एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बढ़ता समुद्री तापमान, समुद्री अम्लीकरण आदि प्रवाल की संख्या में तेजी से कमी का कारण बन रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड तट पर स्थित दुनिया की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति प्रणाली पर ऑस्ट्रेलियाई समुद्री विज्ञान संस्थान (एआईएमएस) की वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, प्रवाल के स्वास्थ्य में अब एक नई प्रकार की अस्थिरता देखी जा रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 39 साल पहले एआईएमएस द्वारा निगरानी शुरू करने के बाद से ग्रेट बैरियर रीफ ने अपने तीन क्षेत्रों में से दो में प्रवाल आवरण में सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट अनुभव की है।

एआईएमएस की वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेट बैरियर रीफ में प्रवाल आवरण की भारी कमी के लिए तीन प्रमुख कारण जिम्मेदार माने गए हैं।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एआईएमएस के अनुसार, उत्तरी भाग में प्रवाल आवरण लगभग 25 प्रतिशत, मध्य क्षेत्र में लगभग 14 प्रतिशत और दक्षिणी क्षेत्र में लगभग एक-तिहाई गिर गया है, जहां पहली बार इतनी गंभीर ब्लीचिंग हुई है।

एआईएमएस के दीर्घकालिक निगरानी कार्यक्रम (एलटीएमपी) के प्रमुख डॉ. माइक एम्सली ने ग्रेट बैरियर रीफ के कठोर प्रवाल आवरण में बढ़ती अस्थिरता पर प्रकाश डाला है। पिछले 15 वर्षों में, प्रवाल आवरण में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया है। यह रिकॉर्ड निचले स्तर से रिकॉर्ड ऊँचे स्तर तक तेजी से बदल रहा है, जो दर्शाता है कि यह पारिस्थितिकी तंत्र दबाव में है।

एक्रोपोरा प्रजाति के प्रवाल, जो तेजी से बढ़ते हैं लेकिन अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। एम्सली ने बताया, "ये गर्मी, तूफान के प्रति संवेदनशील होते हैं और क्राउन-ऑफ-थॉर्न्स स्टारफिश के पसंदीदा भोजन भी हैं।"

एआईएमएस के 2025 एलटीएमपी ने अगस्त 2024 और मई 2025 के बीच 124 भित्तियों का सर्वेक्षण किया, जिसमें पाया गया कि अधिकांश भित्तियों में 10-30 प्रतिशत कठोर प्रवाल आवरण था, 33 भित्तियों में 30-50 प्रतिशत, दो भित्तियों में 75 प्रतिशत से अधिक था और दो में 10 प्रतिशत से कम था।

एआईएमएस की सीईओ सेलिना स्टीड ने कहा कि निष्कर्ष इस बात को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों का तापमान बढ़ना, ग्रेट बैरियर रीफ के प्रवाल समुदायों को महत्वपूर्ण और तीव्र क्षति पहुंचा रहा है।

Point of View

ताकि संरक्षण के प्रयासों को तेज किया जा सके।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

ग्रेट बैरियर रीफ में प्रवाल की कमी का मुख्य कारण क्या है?
बढ़ता समुद्री तापमान और समुद्री अम्लीकरण प्रवाल की कमी का मुख्य कारण हैं।
क्या जलवायु परिवर्तन प्रवालों को प्रभावित कर रहा है?
हां, जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों का तापमान बढ़ रहा है, जिससे प्रवाल समुदायों को नुकसान हो रहा है।
एआईएमएस की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
एआईएमएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रेट बैरियर रीफ के प्रवाल आवरण में भारी गिरावट आई है।