क्या सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा का बयान भाजपा की तुलना आतंकवादियों से करना उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- रविदास मेहरोत्रा का बयान भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाता है।
- कांवड़ यात्रा के दौरान समाज के विभिन्न वर्गों के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता है।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन गंभीर मामला है।
लखनऊ, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर हो रही बयानबाजी पर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए पार्टी की तुलना आतंकवादियों से की।
रविदास मेहरोत्रा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "भाजपा सरकार लगातार उत्तर प्रदेश में पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समाज पर हमला करने का कार्य कर रही है। पीडीए समाज का अपमान हो रहा है, उनके हक और अधिकार छीने जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रा का आयोजन हो रहा है। इस दौरान भाजपा सरकार ने तुगलकी फरमान जारी किया है कि हर दुकानदार अपने नेमप्लेट पर यह बताएगा कि उसमें कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं, साथ ही धर्म और जाति के बारे में भी जानकारी देनी होगी।"
मेहरोत्रा ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था कि कोई भी सरकार किसी को भी जाति और धर्म लिखने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है। लेकिन भाजपा की सरकार ने इस आदेश का उल्लंघन किया है। कांवड़ यात्रियों के लिए दुकान लगाने वालों को बलात नेम प्लेट लगाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि कांवड़ यात्रा में सभी लोग मिलकर कांवड़ियों का सम्मान करें।"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा और आतंकवादियों में कोई अंतर नहीं है। आतंकवादी भी धर्म पूछकर हमले करते हैं। पहलगाम में आतंकियों ने पहले धर्म पूछा और फिर 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी। आज तक वे आतंकवादी गिरफ्तार नहीं हुए। इसी तरह भाजपा सरकार जाति और धर्म पूछकर अन्याय और अत्याचार कर रही है। सपा किसी भी परिस्थिति में भाजपा के जुल्म और अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकती। हम इसके खिलाफ हर स्तर पर संघर्ष करते रहेंगे।"
सपा विधायक ने कहा, "हम कांवड़ यात्रा का स्वागत करते हैं और चाहते हैं कि यह सही तरीके से संपन्न हो। सरकार से अनुरोध है कि कांवड़ यात्रियों के मार्ग पर चलने वाली दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश वापस लें। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर रोक लगाई है।"