क्या सांसद चंद्रशेखर ने गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर बसी बस्ती को उजाड़ने का आरोप लगाया?

Click to start listening
क्या सांसद चंद्रशेखर ने गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर बसी बस्ती को उजाड़ने का आरोप लगाया?

सारांश

लखनऊ के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर स्थित दलित-बहुजन बस्तियों को उजाड़ने की साजिश का आरोप लगाया है। यह मुद्दा न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। जानिए इस मामले में क्या कुछ खास है।

Key Takeaways

  • सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दलित-बहुजन बस्तियों को उजाड़ने का आरोप लगाया।
  • सरकार के विकास प्रोजेक्ट के तहत बस्ती उजाड़ने की योजना है।
  • भीम आर्मी-आजाद समाज पार्टी इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन कर रही है।
  • कांशीराम स्लम एरिया मालिकाना हक योजना का उल्लंघन हो रहा है।
  • यह लड़ाई सिर्फ हैदर कैनाल की नहीं, बल्कि पूरे देश के गरीबों की है।

लखनऊ, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता और नगीना सीट के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने लखनऊ के गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर स्थित सौ साल पुरानी दलित-बहुजन बस्तियों को उजाड़ने की एक गहरी साजिश का आरोप लगाया है।

उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि इस जनविरोधी फैसले को तुरंत वापस लिया जाए, वरना आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "लखनऊ के गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर बसी 100 साल पुरानी दलित-बहुजन बस्तियों को उजाड़ने की साजिश, सरकार के 2,270 करोड़ रुपए के तथाकथित 'विकास' प्रोजेक्ट के नाम पर की जा रही है। इसमें लगभग 7 लाख मेहनतकश, वंचित और गरीब परिवारों को बेघर करने का खतरा है। भीम आर्मी-आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) इस अन्याय का विरोध कर रही है। कल चारबाग में हजारों लोग सड़कों पर उतरे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई।"

सांसद ने कहा, "पिछले साल 19 जुलाई 2024 को मैंने वहां जाकर सरकार को स्पष्ट रूप से बताया था कि गरीब की झोपड़ी तोड़कर किया गया विकास वास्तव में विनाश है। हर नागरिक का यह अधिकार है कि उसे रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएं। यह कांशीराम स्लम एरिया मालिकाना हक योजना का उल्लंघन है, जो वर्ष 2007 से 2012 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार में लागू हुई थी।"

उन्होंने कहा कि यह योजना लाखों गरीब परिवारों को बेघर होने से बचाने के लिए बनाई गई थी। इसके अंतर्गत, उत्तर प्रदेश की किसी भी भूमि पर 10 वर्ष या उससे अधिक समय से रह रहे नागरिकों को विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन वर्तमान सरकार इस कानून का उल्लंघन कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई केवल हैदर कैनाल की नहीं, बल्कि पूरे देश के हर गरीब, दलित और मेहनतकश की है, जिनके घरों को विकास के नाम पर तोड़ा जा रहा है। भीम आर्मी-आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की मांग है कि सरकार इस जनविरोधी फैसले को तुरंत वापस ले, अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा। मैं जल्द ही हैदर कैनाल पहुंचकर इस आंदोलन में शामिल होऊंगा।

Point of View

बल्कि पूरे देश के वंचितों के अधिकारों की है।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर बस्तियों को उजाड़ने का कारण क्या है?
सरकार द्वारा सुझाए गए विकास प्रोजेक्ट के तहत बस्तियों को उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
चंद्रशेखर आजाद का आंदोलन कब शुरू हुआ?
चंद्रशेखर आजाद और उनकी पार्टी ने इस अन्याय के खिलाफ पहले से ही आंदोलन शुरू कर दिया है।
क्या सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है?
अभी तक सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।