क्या बिहार एसआईआर को लेकर चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष?

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष की नारेबाजी ने सदन की कार्यवाही को प्रभावित किया।
- बिहार एसआईआर पर चर्चा की मांग राजनीतिक तनाव का कारण बनी।
- नियम 267 के अंतर्गत विशेष चर्चा की जा सकती है।
- उपसभापति ने नियमों का हवाला देते हुए नोटिसों को अमान्य किया।
- संसद में हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित हुई।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को जोरदार नारेबाजी का माहौल बना। दरअसल, राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे गहन मतदाता सूची रिव्यू (एसआईआर) को लेकर चर्चा की मांग कर रहे थे।
विपक्षी सांसदों ने इस मांग को लेकर दोनों सदनों में नारेबाजी की, जिसके परिणामस्वरूप राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद विपक्ष ने चर्चा की मांग उठाई। उपसभापति हरिवंश नारायण ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें 12 अगस्त को चर्चा के लिए 21 नोटिस प्राप्त हुए हैं।
ये नोटिस नियम 267 के अंतर्गत दिए गए थे, जिसके तहत सदन की पूर्व निर्धारित अन्य सभी चर्चाओं और कार्यवाहियों को स्थगित कर दिया जाता है। उपसभापति ने बताया कि उन्हें चार अलग-अलग विषयों पर चर्चा के कुल 21 नोटिस मिले हैं।
हालांकि, उपसभापति ने कहा कि अधिकांश विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए नोटिसों में नियमों का पालन नहीं हुआ है। कुछ नोटिस ऐसे विषयों पर दिए गए हैं, जो अदालत में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अदालत में लंबित मामलों पर चर्चा नहीं की जा सकती। नियमों का हवाला देते हुए, उपसभापति ने सभी नोटिसों को अमान्य घोषित कर दिया।
इसके बाद, राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसदों ने सदन में चर्चा कराने की लगातार मांग की, लेकिन उपसभापति ने कार्यवाही को सुचारू रखने का अनुरोध किया। हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं, लोकसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा बढ़ गया। विपक्ष के सांसद चर्चा की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। प्रश्नकाल के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सांसदों से अपनी सीटों पर लौटने का अनुरोध किया। लेकिन, नारेबाजी जारी रहने के कारण कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
यह ध्यान देने योग्य है कि सोमवार को भी संसद में हंगामा हुआ था, जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी। विपक्ष ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी।