क्या सपा नेता माता प्रसाद पांडे को पुलिस ने बरेली जाने से रोका?

सारांश
Key Takeaways
- माता प्रसाद पांडे ने बरेली जाने की कोशिश की।
- पुलिस ने भारी बल के साथ रोकने का प्रयास किया।
- सपा का उद्देश्य पीड़ितों से मिलकर न्याय मांगना है।
- प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- शांतिपूर्ण व्यवस्था बनाने की बात की जा रही है।
लखनऊ, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के आवास के बाहर शनिवार को भारी पुलिस बल तैनात किया गया। सपा के 14 सांसदों और विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल उनके नेतृत्व में बरेली का दौरा करने वाला था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
माता प्रसाद पांडे ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें बरेली जाने से इसलिए रोका क्योंकि वहां की सच्चाई सामने आ जाती।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रशासन ने बरेली में बड़े पैमाने पर ज्यादती की है। लोगों को पीटा गया, उन पर हमला किया गया और उनके घरों को गिराने की योजना है। हम जाते तो इनका पर्दाफाश हो जाता। उन्होंने कहा कि हम बरेली में शांतिपूर्ण व्यवस्था बनाने की बात करते हैं, न कि भड़काने की, लेकिन प्रशासन को समझ नहीं आ रहा है कि हमें क्यों रोका जा रहा है।
बरेली में सपा कार्यकर्ताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सपा जिला अध्यक्ष और पार्टी कार्यकर्ताओं के घरों के बाहर भी पुलिस तैनात की गई है। पांडे ने कहा कि मैंने अभी जिला अध्यक्ष से बात की है। हम बरेली जाने की कोशिश करेंगे और यदि जा सके, तो जाएंगे।
समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया है कि यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को पुलिस द्वारा घर पर रहने की हिदायत दी गई। जिलाधिकारी ने कहा कि वहां जाने पर माहौल बिगड़ सकता है, लेकिन हमारे जाने से माहौल बिगड़ता नहीं, बल्कि प्रशासन अपनी कमियों को छिपाने के लिए हमें रोक रहा है।
समाजवादी पार्टी के नेता अता उर रहमान ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में 14 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल बरेली जाने वाला था। उनका उद्देश्य वहां हाल की घटना के पीड़ितों और कार्यकर्ताओं से मिलना, अधिकारियों से बातचीत कर पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग करना और शांति व्यवस्था की अपील करना था। हालांकि उनके आवास के बाहर कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है, जिसके कारण प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाने से रोका जा रहा है।
रहमान ने कहा कि हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि बरेली पहुंच सकें। हम जाने के लिए तैयार हैं, अब देखते हैं कि आगे क्या होता है।