क्या सपा से निष्कासित पूजा पाल ने न्याय की लड़ाई के लिए राजनीति में कदम रखा?

सारांश
Key Takeaways
- पूजा पाल ने न्याय की लड़ाई के लिए राजनीति में कदम रखा।
- सपा के अंदरूनी संघर्षों ने राजनीतिक स्थिति को जटिल बना दिया है।
- अखिलेश यादव पर अभद्र टिप्पणियों का आरोप लगाया गया।
- राजनीतिक लाभ के लिए क्रॉस-वोटिंग का मुद्दा उभरा।
- सपा के नेता डिंपल यादव पर आरोपों की बौछार हुई।
नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि मैं न्याय की लड़ाई के लिए राजनीति में आई हूं।
पूजा पाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि सपा का मुझे लक्ष्य बनाना गलत है। मैं राजनीति में न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए आई थी। मैंने अपने पति, स्वयं और प्रदेश की पीड़ित महिलाओं की आवाज बनकर सदन में पहुंचने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि सदन में जिस प्रकार से माफिया अतीक अहमद का मैंने नाम लिया, उससे अखिलेश यादव की पार्टी की थ्योरी में खलल आ गया। उनके नेताओं की ओर से मुझ पर अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं। इसकी जानकारी अखिलेश को अवश्य होगी।
पूजा पाल ने कहा कि जब मैंने अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर देखा और पूरा समाजवादी पार्टी परिवार उसके समर्थन में एकजुट था, तो मुझे बहुत दुख हुआ। इससे यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी आज भी अतीक अहमद के लोगों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि जिस दिन से अतीक के बेटे का एनकाउंटर हुआ और जिस तरह से समाजवादी पार्टी के नेताओं ने उसके समर्थन में बात की, तब से वे सभी उसके साथ हैं।
सपा सांसद डिंपल यादव पर पूजा पाल ने कहा कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया, यह सबको पता है, यह अखबारों में भी छपा था। मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि यदि आप, आपकी पत्नी और समाजवादी पार्टी के सभी सदस्य भाजपा को वोट दे सकते हैं, तो फिर एक साधारण महिला, एक विधवा होने के नाते, जब मैंने न्याय मांगा, तो मैंने सिर्फ न्याय पाने के लिए वोट दिया। मैंने क्या गलती की? मैंने कुछ गलत नहीं किया। यदि आपने कारण बताओ नोटिस जारी किया होता, तो मैं अपना दर्द बयां कर सकती थी, और शायद आप उसे समझ भी जाते, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि सपा के लोग यह सोचते हैं कि मैंने सदन में अतीक का नाम लेकर गलती की। यह मुद्दा मेरी वजह से तूल पकड़ा है। मेरे पार्टी से निष्कासन से अतीक अहमद के करीब और जानकारों को सबसे ज्यादा ताकत मिली है, उनका मनोबल बढ़ गया है। ऐसे लोग मेरे बारे में गलत सोच रहे हैं। मुझ पर सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं।
वहीं, सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने पूजा पाल के बयान पर कहा कि उनकी जान को कोई खतरा नहीं है। उनके पति की हत्या के बाद, हम उनके साथ खड़े रहे, उन्हें टिकट दिया और वह सपा के टिकट पर चुनाव जीतीं। लेकिन बाद में, उन्होंने अखिलेश यादव की आलोचना शुरू कर दी। राज्यसभा चुनाव में, भारी रकम लेने के बाद, उन्होंने क्रॉस-वोटिंग की। जब इसकी पुष्टि हुई, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
उन्होंने कहा कि पिछले राज्यसभा चुनाव में पूजा पाल और कुछ अन्य विधायकों ने लखनऊ के एक उद्योगपति से भारी रकम ली और क्रॉस वोटिंग की, जिससे भाजपा उम्मीदवार की जीत हुई और सपा की हार हुई।