क्या झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट में कोबरा का स्निफर डॉग शहीद हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- स्निफर डॉग ने अपनी जान देकर साहस का परिचय दिया।
- सुरक्षा बलों की सर्च ऑपरेशन की रणनीति को और मजबूत किया जाएगा।
- आईईडी विस्फोटों की बढ़ती घटनाएं एक गंभीर चिंता का विषय हैं।
- नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा जब तक उनका पूर्ण सफाया नहीं हो जाता।
- सुरक्षा बलों को क्षेत्र में और सघन निगरानी और जांच की आवश्यकता है।
चाईबासा, ८ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सर्च अभियान के दौरान शनिवार को आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ की कोबरा 209 बटालियन का एक खोजी कुत्ता (स्निफर डॉग) शहीद हो गया, जबकि एक जवान हल्का घायल हुआ है। घायल जवान को तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, कोबरा 209 की टीम नक्सलियों के संभावित ठिकानों की तलाशी में बालिबा इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही थी। तभी नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी में विस्फोट हो गया। विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि मौके पर मौजूद खोजी कुत्ते की मौत हो गई। घटना के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई और सर्च अभियान को तेज कर दिया गया है।
चाईबासा के एसपी अमित रेनू ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट हुआ है, जिसमें स्निफर डॉग शहीद हुआ है और एक जवान को हल्की चोट आई है। उन्होंने कहा कि सभी जवान सुरक्षित हैं और नक्सलियों के खिलाफ अभियान और अधिक तीव्रता से जारी रहेगा।
बता दें कि ठीक एक दिन पहले ही सुरक्षा बलों को सारंडा जंगल में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली थी। जराईकेला थाना क्षेत्र के कुलापू बुरू इलाके में गुरुवार रात से शुक्रवार तक चली मुठभेड़ के बाद पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए थे।
बरामद हथियारों में दो एसएलआर राइफल, एक प्वाइंट 303 राइफल, एके-47 की 37 जिंदा गोलियां, एसएलआर की 78 गोलियां, जिलेटिन, डेटोनेटर, रेडियो सेट, लैपटॉप और नक्सली साहित्य शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार, यह सामग्री किसी बड़े हमले की तैयारी की ओर संकेत करती है।
सुरक्षा एजेंसियां अब पूरे सारंडा क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों को समाप्त करने के लिए सघन सर्च अभियान चला रही हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक नक्सलियों का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता।