क्या गुजरात के डिप्टी सीएम हर्ष संघवी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर 'एकता मार्च' में भाग लिया?

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क्या गुजरात के डिप्टी सीएम हर्ष संघवी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर 'एकता मार्च' में भाग लिया?

सारांश

गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित 'एकता मार्च' में भाग लिया। यह पदयात्रा न केवल सरदार पटेल की सोच को जीवित करने का प्रयास है, बल्कि युवाओं को उनके योगदान की जानकारी देने का भी एक मंच है।

Key Takeaways

  • सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजन किया गया एकता मार्च
  • गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी का योगदान
  • सरदार पटेल के नेतृत्व और विरासत का सम्मान
  • राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का आह्वान
  • प्रधानमंत्री मोदी का योगदान और दृष्टिकोण

वडोदरा, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर मंगलवार को वडोदरा में वरनामा से मेनपुरा तक एकता मार्च आयोजित किया गया। इस 14 किलोमीटर लम्बी पदयात्रा में गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी भी शामिल हुए।

मार्च खत्म करने के बाद संघवी ने मेनपुरा में 'सरदार गाथा' सभा को संबोधित किया और सरदार पटेल के जीवन, नेतृत्व और विरासत पर विस्तार से चर्चा की।

संघवी ने कहा कि सरदार पटेल के दृढ़ निर्णयों और राष्ट्र के एकीकरण के लिए उनकी निरंतर मेहनत के कारण आज भारतीय बिना किसी बाधा के एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा कर सकते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस ने वर्षों से पटेल के योगदान और विचारों को दबाने का प्रयास किया, जिससे युवाओं को राष्ट्रीय एकता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई।

संघवी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल की स्मृति में दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा बनाकर उनकी विरासत को जी revived किया है। अब, 'एकता मार्च' के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनका ऐतिहासिक योगदान सभी पीढ़ियों के नागरिकों तक पहुंचे।

सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण में पटेल के दृढ़ संकल्प की याद दिलाते हुए संघवी ने कहा कि आज जो मंदिर खड़ा है, वह उसी संकल्प का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का विजन दिया है, जिसके लिए एकता, मेहनत, आत्मनिर्भरता और 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को अपनाने की आवश्यकता है।

संघवी ने पदयात्रा मार्ग पर निवासियों से सरदार पटेल के आदर्शों से प्रेरणा लेकर कम से कम एक ऐतिहासिक प्रतिज्ञा लेने की अपील की और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने तथा भारत के विकास में योगदान देने के लिए सामूहिक संकल्प का आह्वान किया।

उन्होंने बताया कि गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के कार्यों ने उनके राजनीतिक उत्थान और राष्ट्रीय विरासत की नींव रखी।

एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले पटेल खेड़ा सत्याग्रह के प्रमुख आयोजक बने और बाद में बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया, जहाँ उनके नेतृत्व ने उन्हें 'सरदार' की उपाधि दिलाई।

उन्होंने सहकारी आंदोलनों को मजबूत किया, किसानों के अधिकारों की वकालत की, और एक ऐसा जमीनी नेटवर्क स्थापित किया जिसने ग्रामीण गुजरात को सशक्त बनाया। भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में उनकी प्रशासनिक कुशलता की जड़ें गुजरात में उनके द्वारा विकसित शासन प्रणालियों में भी गहरी थीं। इन सभी प्रयासों ने राज्य को उनके नेतृत्व का एक प्रमुख केंद्र और भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय बना दिया।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम सरदार पटेल की विरासत को संजोएं और उनकी सोच को समझें। उनका योगदान न केवल गुजरात के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एकता मार्च हमें याद दिलाता है कि एकता में ही शक्ति है और यह हमारे विकास का मूल मंत्र है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

सरदार पटेल का योगदान क्या है?
सरदार पटेल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश के एकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
एकता मार्च का उद्देश्य क्या है?
एकता मार्च का उद्देश्य सरदार पटेल की विचारधारा को आगे बढ़ाना और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है।
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