क्या आप सर्दी-खांसी और गले में खराश से परेशान हैं? जानें छोटे-छोटे उपाय
सारांश
Key Takeaways
- तुलसी, अदरक और शहद का काढ़ा सर्दी और खांसी में लाभदायक होता है।
- गर्म पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है।
- भाप लेने से नाक खुलती है और कफ बाहर निकलता है।
- सरसों का तेल साइनस और नाक के संक्रमण में राहत देता है।
- इन उपायों को अपनाकर आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, सर्दी, खांसी और गले में खराश की समस्याएं आम हो जाती हैं। आयुर्वेद के पास इन समस्याओं से राहत पाने के लिए सरल और प्रभावी उपाय मौजूद हैं।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय इन परेशानियों से राहत पाने के लिए घरेलू आयुर्वेदिक उपायों की सिफारिश करता है। मंत्रालय के अनुसार, ये उपाय न केवल प्रभावी हैं, बल्कि सुरक्षित और आसानी से अपनाए जा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर अपनाए गए ये उपाय संक्रमण को बढ़ने से रोकते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।
इनमें सबसे प्रमुख सलाह है तुलसी, अदरक, काली मिर्च और शहद से बना काढ़ा। इसे बनाने के लिए एक गिलास पानी में 5-6 तुलसी के पत्ते, एक इंच अदरक का टुकड़ा, 4-5 काली मिर्च के दाने और एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे उबालकर छान लें और दिन में दो से तीन बार गुनगुना पीएं।
मंत्रालय के अनुसार, यह काढ़ा गले की खराश दूर करता है, कफ को पतला करता है और सर्दी-खांसी में तुरंत राहत देता है। तुलसी में एंटी-वायरल गुण होते हैं, जबकि अदरक और काली मिर्च सूजन कम करते हैं। शहद गले को आराम देता है और खांसी को नियंत्रित करता है।
दूसरा सरल उपाय है दिनभर हल्का गर्म पानी पीना। गुनगुने पानी से गला नरम रहता है और कफ नहीं जमता, वायरस का असर कम होता है। यह उपाय शरीर को हाइड्रेट रखता है और संक्रमण से बचाव करता है। खासकर सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से पाचन और श्वसन तंत्र दोनों मजबूत होते हैं।
तीसरा प्रभावी तरीका है भाप लेना। मंत्रालय के अनुसार, एक बर्तन में गर्म पानी लें और तौलिए से सिर ढककर 5-10 मिनट भाप लें। इससे बंद नाक खुलती है, साइनस की सूजन कम होती है और कफ बाहर निकलता है। दिन में दो बार भाप लेने से गले की जलन और सिर दर्द में भी आराम मिलता है।
चौथा और बेहद प्रभावी उपाय है सरसों का तेल। विशेषज्ञों के अनुसार, रात को सोने से पहले नाक में सरसों तेल की 2-2 बूंदें डालें। इससे साइनस, नाक का बहना और संक्रमण से राहत मिलती है। सरसों का तेल प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल होता है और श्वसन मार्ग को साफ रखता है।