क्या सरकार ई-कॉमर्स में डार्क पैटर्न को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है?

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क्या सरकार ई-कॉमर्स में डार्क पैटर्न को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है?

सारांश

सरकार ई-कॉमर्स में डार्क पैटर्न को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को स्व-ऑडिट करने की सलाह दी है। यह महत्वपूर्ण बैठक उपभोक्ता संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • सरकार डार्क पैटर्न को समाप्त करने की दिशा में ठोस योजना बना रही है।
  • केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बैठक में उपभोक्ता संरक्षण के लिए उपायों पर चर्चा की।
  • ई-कॉमर्स कंपनियों को स्व-ऑडिट करने का निर्देश दिया गया है।
  • उपभोक्ता अब अपने अधिकारों के प्रति सजग हो रहे हैं।
  • भ्रामक प्रथाओं पर नियंत्रण के लिए सीसीपीए का हस्तक्षेप आवश्यक है।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ई-कॉमर्स में डार्क पैटर्न से निपटने के लिए सरकार ठोस योजना विकसित करने पर कार्य कर रही है। इस संबंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बताया, "जागो ग्राहक जागो" के अनवरत प्रयासों पर चर्चा की गई और भ्रामक ऑनलाइन प्रथाओं पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता संरक्षण ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए नियामक उपायों की समीक्षा की गई।

सरकार डिजिटल कॉमर्स में डार्क पैटर्न के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर है। सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में डार्क पैटर्न का विश्लेषण और समाप्त करने के लिए स्व-ऑडिट करने का निर्देश दिया गया है।

जोशी ने उद्योग में जिम्मेदार व्यवहार के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि डार्क पैटर्न पर दिशानिर्देश प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों और उद्योग संघों के साथ गहन विचार-विमर्श का परिणाम हैं।

सहमति बनने के बाद, उन्होंने सभी कंपनियों से आग्रह किया कि वे दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करें और उन्हें अपने आंतरिक शासन और उपभोक्ता संरक्षण तंत्र में शामिल करें।

नई दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय हितधारक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जोशी ने कहा, "आज के उपभोक्ता सतर्क, जागरूक और अपने अधिकारों के प्रति तेज़ी से सजग हो रहे हैं - वे धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा आयोजित इस बैठक में प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों, उद्योग संघों, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन भ्रामक प्रथाओं को समाप्त करने पर केंद्रित चर्चा की।

बैठक में हाल के घटनाक्रमों को साझा करते हुए जोशी ने बताया कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर डार्क पैटर्न से संबंधित उपभोक्ता शिकायतों में काफी वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, "कंपनियों को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के हस्तक्षेप की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। उन्हें नोटिस जारी होने से पहले ही इन भ्रामक प्रथाओं को पहचानकर हटाना चाहिए। यह केवल नियामक अनुपालन नहीं है, बल्कि उपभोक्ताओं के साथ विश्वास निर्माण का विषय है।"

Point of View

मैं मानता हूं कि उपभोक्ता जागरूकता और सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। सरकार का यह कदम उद्योग में जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देगा और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करेगा। यह एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है, जो देश की आर्थिक स्थिरता में योगदान करेगा।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

डार्क पैटर्न क्या होता है?
डार्क पैटर्न ऐसे डिज़ाइन तकनीकें हैं जो उपभोक्ताओं को धोखा देने या उन्हें अनजाने में कुछ खरीदने के लिए प्रेरित करती हैं।
सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए क्या दिशा-निर्देश जारी किए हैं?
सरकार ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को डार्क पैटर्न का विश्लेषण और समाप्त करने के लिए स्व-ऑडिट करने का निर्देश दिया है।
उपभोक्ता हेल्पलाइन पर डार्क पैटर्न से संबंधित शिकायतें क्यों बढ़ रही हैं?
उपभोक्ता जागरूकता बढ़ने के कारण लोग अब डार्क पैटर्न के खिलाफ अपनी आवाज उठाने लगे हैं जिससे शिकायतों में वृद्धि हो रही है।
क्या कंपनियों को सीसीपीए के हस्तक्षेप का इंतजार करना चाहिए?
नहीं, कंपनियों को सक्रिय रूप से भ्रामक प्रथाओं को पहचानकर उन्हें हटाना चाहिए।
क्या उपभोक्ता अब अपने अधिकारों के प्रति सजग हो गए हैं?
जी हां, आज के उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और सतर्क हो गए हैं।