क्या सरकार की जिम्मेदारी शांति और स्थिरता बनाए रखना है? नेपाल की पीएम सुशीला कार्की
सारांश
Key Takeaways
- सरकार की प्राथमिकता: शांति और स्थिरता बनाए रखना।
- निर्वाचन प्रक्रिया: स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना।
- सुरक्षा योजना: नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी।
- सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय: पिछले अनुभवों का विश्लेषण करना।
- आवश्यकता: त्वरित प्रतिक्रिया व्यवस्थाओं का निर्माण।
काठमांडू, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने सेना मुख्यालय का निरीक्षण किया और 21 फरवरी को होने वाले प्रतिनिधि सभा के आगामी चुनावों से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था का अवलोकन किया। इस दौरान नेपाली सेना ने प्रधानमंत्री को वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य, प्रमुख चुनौतियों, संभावित जोखिमों और शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई एकीकृत योजनाओं की जानकारी दी।
वरिष्ठ अधिकारियों ने सेना की लामबंदी रणनीति की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें कमान संरचना, तैनाती क्षेत्र, समन्वय तंत्र और चुनाव अवधि के दौरान किसी भी सुरक्षा कमजोरी को दूर करने के लिए डिजाइन की गई त्वरित प्रतिक्रिया व्यवस्था शामिल थी। इस ब्रीफिंग में नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के सहयोग से समग्र सुरक्षा ढांचे को समर्थन देने के लिए सेना की तैयारियों पर प्रकाश डाला गया।
प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि हालिया आंदोलन के बाद बनी सरकार की सर्वोच्च राष्ट्रीय जिम्मेदारी शांति और स्थिरता बनाए रखना है। नेपाली सेना की क्षमताओं पर विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में संपन्न होने चाहिए।
उन्होंने सुरक्षा नेतृत्व को प्रमुख निर्देश जारी करते हुए एक स्पष्ट और कार्यान्वयन योग्य सुरक्षा योजना की आवश्यकता पर जोर दिया—एक ऐसी योजना जो नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी दे, पुलिस अभियानों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करे, और राजनीतिक दलों को बिना किसी बाधा के चुनाव प्रचार करने की अनुमति दे। उन्होंने अपने पहले के रुख को दोहराते हुए कहा कि आगामी चुनाव में खून की एक भी बूंद नहीं गिरनी चाहिए और एक भी व्यक्ति घायल नहीं होना चाहिए।
उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों को पिछले चुनावों के अनुभवों और वर्तमान परिवेश की विशिष्ट संवेदनशीलताओं का विश्लेषण करते हुए निर्बाध समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों को जेन-जी आंदोलन के दौरान लूटे गए या खोए गए हथियारों की बरामदगी के प्रयासों में तेजी लाने और फरार अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस बलों की सहायता करने का भी निर्देश दिया, ताकि कानून के पालन में कोई चूक न हो।
निरीक्षण के दौरान गृह मंत्री ओम प्रकाश आर्यल, कानून मंत्री अनिल कुमार सिन्हा, मुख्य सचिव सुमन राज आर्यल, सेनाध्यक्ष अशोक राज सिगडेल और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरे ने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि जनता बिना किसी भय या व्यवधान के अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करे।