क्या सरकार को बताना होगा कि राज्यों को जीएसटी में कंपनसेशन मिलेगा या नहीं? : शमा मोहम्मद

सारांश
Key Takeaways
- राज्यों को जीएसटी का हिस्सा समय पर मिलना चाहिए।
- कंपनसेशन का मुद्दा महत्वपूर्ण है।
- पीएम मोदी को राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
- राजनीतिक रणनीति चुनावों के दौरान महत्वपूर्ण होती है।
- गृह मंत्रालय के आदेशों का प्रभाव देखना होगा।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हो रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों का मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधित्व है। इस बैठक में जीएसटी की दरों को कम करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इसी क्रम में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि राज्यों को कंपनसेशन मिलेगा या नहीं।
शमा मोहम्मद ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है कि जीएसटी की दरों को कम करने पर चर्चा हो रही है, लेकिन राहुल गांधी ने पहले ही इस मुद्दे को उठाया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जो कहा था, वही अब जीएसटी काउंसिल कर रही है। लेकिन, कई राज्यों का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार से मिलने वाला जीएसटी का हिस्सा नहीं मिल रहा है। इस स्थिति में, कंपनसेशन का मुद्दा केंद्र सरकार को स्पष्ट करना होगा।
पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस और राजद के नेताओं ने अशोभनीय भाषा का उपयोग किया। इस पर उन्होंने कहा कि यह केवल ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। मणिपुर में महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं और बिलकिस बानो के आरोपियों को रिहा किया गया है, लेकिन पीएम मोदी इन मामलों पर चुप हैं। देश के कई राज्यों में बाढ़ से तबाही हो रही है, लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री को इस मौके पर उन राज्यों में होना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए। लेकिन वह बिहार चुनाव में व्यस्त हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को डिटेंशन कैंप तैयार करने का आदेश दिया है। इस मुद्दे पर शमा मोहम्मद ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि घुसपैठिया किसे पसंद है? सवाल यह है कि असम का डिटेंशन कैंप क्या हुआ, वह बंद है या खुला है? झारखंड में कैंप की चर्चा की गई, चुनाव हारने के बाद मामला शांत हो गया। अब बिहार चुनाव नजदीक है, तो यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है। प्रधानमंत्री या भाजपा सरकार को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य पर बात करनी चाहिए। प्रदेश की प्रमुख समस्याओं पर भाजपा चर्चा नहीं करती। यह सब वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस और राजद को मिले जनसमर्थन से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।