क्या तमिलनाडु में एआईएडीएमके की एकता की अपील करेंगे ससिकला?

सारांश
Key Takeaways
- ससिकला ने एआईएडीएमके की एकता पर जोर दिया।
- 2026 विधानसभा चुनाव के लिए एकजुट होना आवश्यक है।
- पार्टी के भीतर गुटबाजी खत्म करने की आवश्यकता है।
- एकता से ही पार्टी को मजबूती मिलेगी।
- भाजपा की संलिप्तता भी महत्वपूर्ण है।
चेन्नई, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएडीएमके की बर्खास्त अंतरिम महासचिव वी.के. ससिकला ने सोमवार को पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को समाप्त कर एकजुटता की अपील की। उन्होंने कहा कि पूरे तमिलनाडु में पार्टी कार्यकर्ता एकजुट एआईएडीएमके देखना चाहते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह एकता आवश्यक है।
अपने पोएस गार्डन स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान, जयललिता की करीबी सहयोगी ससिकला ने कहा, “हर कोई चाहता है कि 2026 विधानसभा चुनाव से पहले एआईएडीएमके एक हो। मैं भी यही चाहती हूं। यह चुनाव से पहले होना चाहिए, बाद में नहीं।”
ससिकला ने यह भी स्वीकार किया कि मेल-मिलाप आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा, “किसी को अस्वीकार करना आसान है, लेकिन स्वीकार करना कठिन काम है। इसमें समय लगता है।” उनके अनुसार, पार्टी का अंतिम लक्ष्य डीएमके शासन को समाप्त करना और जयललिता के ‘अम्मा युग’ को बहाल करना है।
उन्होंने कहा, “मेरा काम एकीकरण और पार्टी की जीत पर केंद्रित होगा। अतीत को भुला दें और अब जो कुछ हो वह शुभ हो।”
उनकी अपील को वरिष्ठ एआईएडीएमके नेता के.ए. सेंगोट्टैयन का समर्थन मिला। इरोड में उन्होंने कहा, “आओ भूलें और माफ करें। मैंने पहले भी कहा है कि एआईएडीएमके को एकजुट होना चाहिए ताकि यह मजबूत हो सके।”
सेंगोट्टैयन ने पहले ही पार्टी महासचिव एडप्पाड़ी के. पलानीस्वामी से निष्कासित नेताओं को वापस लेने के लिए दस दिन की समयसीमा तय की है।
इस बीच, अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) महासचिव टी.टी.वी. दिनाकरण ने भी एकता का स्वागत किया, लेकिन स्पष्ट किया कि 2026 चुनाव के लिए पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार स्वीकार नहीं किया जा सकता। दिनाकरण हाल ही में भाजपा से अलग हुए हैं, जबकि भाजपा अब भी पलानीस्वामी को अपना सीएम चेहरा बनाए हुए है।
भाजपा राज्य अध्यक्ष के. नैनार नागेंद्रन ने भी संकेत दिया कि उनकी पार्टी दिनाकरण और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के साथ बातचीत कर उन्हें फिर से एनडीए में शामिल करने को तैयार है।
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, एआईएडीएमके के भीतर एकता की बढ़ती मांग न केवल पार्टी के अस्तित्व बल्कि 2026 के तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।