क्या सायंतनी घोष को चैलेंजिंग रोल पसंद हैं?
सारांश
Key Takeaways
- चैलेंजिंग रोल को स्वीकार करने का महत्व
- नारी शक्ति का प्रदर्शन
- समाज में सोच में बदलाव की आवश्यकता
- टेलीविजन इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा का प्रभाव
- कार्य और परिवार का संतुलन
मुंबई, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्टार प्लस की महाभारत में मत्स्य रानी सत्यवती का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस सायंतनी घोष ने अपने अदाकारी कौशल से सभी को प्रभावित किया था। अब वे टीवी सीरियल 'जगद्धात्री' में नजर आने वाली हैं। उन्होंने इस सीरियल से जुड़ी अपनी अनुभवों के बारे में बताया है।
सीरियल 'जगद्धात्री' जीटीवी पर प्रसारित होगा। इस में अपने किरदार माया देशमुख के बारे में सायंतनी घोष ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह उनके लिए एक बेहद कठिन किरदार था। उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण किरदार निभाए हैं, लेकिन यह सबसे अलग है। एक कलाकार के रूप में, उन्हें चैलेंजिंग रोल अधिक पसंद हैं और यही कारण है कि उन्होंने इस भूमिका को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा कि माया देशमुख घर और व्यवसाय दोनों का ध्यान रखती हैं। उन्हें लगता है कि असली जीवन में हर महिला का जीवन संघर्षों से भरा होता है। इसीलिए माया का किरदार उन्हें गहराई से प्रभावित करता है। हमें पहले लोगों की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। बहुत से लोग मानते हैं कि महिलाएं एक्शन नहीं कर सकतीं, लेकिन 'जगद्धात्री' एक ऐसा शो है, जिसमें महिला लीड है और वह पुरुषों की तरह एक्शन कर रही है। यह शो नारी की शक्ति का प्रतीक है। उन्हें इस शो से बहुत सारी उम्मीदें हैं और उन्होंने दर्शकों से इस सीरियल को प्यार देने की अपील की है।
एक्ट्रेस ने इंडस्ट्री में आए परिवर्तनों पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में टेलीविजन इंडस्ट्री में काफी बदलाव आ चुके हैं। वे भी समय के साथ खुद को बदलती हैं। आजकल धैर्य की कमी देखने को मिलती है। पहले शो सालों तक चलते थे, जबकि अब कुछ महीनों में ही खत्म हो जाते हैं। इतनी प्रतिस्पर्धा है कि सीरियल की शेल्फ लाइफ कम हो गई है। इसमें सुधार लाना चाहिए।
सायंतनी घोष ने बताया कि उनका सफर टीवी शो 'नागिन' से शुरू हुआ था। उन्होंने 'महाभारत' और 'नामकरण' जैसे शोज किए हैं, जिनके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। लेकिन अब वे कुछ नया करना चाहती हैं और एक कलाकार के तौर पर आगे बढ़ना चाहती हैं। उनके लिए सीरियल 'जगद्धात्री' सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि यह अलग है।