क्या एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत ने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया।
- भारत अब नेतृत्व की भूमिका में है।
- भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
- अमेरिका पर लगे टैरिफ का भारत पर प्रभाव।
- एससीओ बैठक में चीन और रूस के नेताओं से मुलाकात।
मुंबई, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाया। भाजपा की राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा के अनुसार, पूरी दुनिया ने भारत की ताकत को देखा है और यह स्पष्ट है कि भारत अब नेतृत्व की भूमिका में आ चुका है।
रेखा शर्मा ने एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आतंकवाद पर दिए गए प्रभावी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन में यह कहना कि पाकिस्तान ने पहलगाम और पुलवामा में हमले किए हैं और उसके व्यवहार पर टिप्पणी करना, भारत के स्पष्ट रुख को दर्शाता है। भारत ने दृढ़ता से अपना पक्ष रखा है और चीन ने भी इसे स्वीकार किया है। यही सच्चे नेतृत्व का सार है, बिना शब्दों को तोड़े-मरोड़े, स्पष्टता से बोलना।
रेखा शर्मा ने कहा कि भारत अब एक नेतृत्वकारी भूमिका में है। ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के बावजूद भारत ने झुकने से इनकार किया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत ने एक ऐसी भूमिका निभाई है जो विश्व को एकजुट करती है। हाल ही में हुई एससीओ बैठक में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, जो दर्शाता है कि खुद को महाशक्ति समझने वाला अमेरिका अब कुछ मायनों में पीछे रह गया है। भारत की अर्थव्यवस्था और जीडीपी तेज गति से बढ़ रही है। वह दिन दूर नहीं जब भारत विकसित देशों की सूची में शामिल होगा।
उन्होंने अमेरिका द्वारा चीन, भारत और रूस पर लगाए गए टैरिफ पर टिप्पणी की कि ट्रंप के अपने लोग भी उनके इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। इस कदम से अमेरिका की अपनी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। टैरिफ लागू होने के कारण भारतीय उत्पाद वहां महंगे हो गए हैं, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। अमेरिका के अर्थशास्त्री भी इस कदम का समर्थन नहीं करते हैं। अंततः, ट्रंप को बातचीत के लिए वापस आना पड़ेगा और इस टैरिफ को हटाना होगा।