क्या अमरनाथ यात्रा में बारिश और भूस्खलन से फंसे श्रद्धालुओं को मिली सेना की मदद?

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क्या अमरनाथ यात्रा में बारिश और भूस्खलन से फंसे श्रद्धालुओं को मिली सेना की मदद?

सारांश

अमरनाथ यात्रा में बारिश और भूस्खलन के कारण फंसे श्रद्धालुओं को भारतीय सेना ने त्वरित सहायता प्रदान की। जानें कैसे सेना ने 3000 यात्रियों को सुरक्षित किया और उनकी भलाई सुनिश्चित की। यह कहानी है सेवा और समर्पण की।

Key Takeaways

  • भारतीय सेना ने फंसे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए।
  • लगभग 3000 यात्रियों को सेना के कैंपों में आश्रय मिला।
  • भूस्खलन के कारण यात्रा को बाधित किया गया।
  • सेना ने ऑपरेशन शिवा 2025 शुरू किया है।
  • सुरक्षा के लिए 8500 सैनिक तैनात किए गए हैं।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के ऊपरी क्षेत्रों में खराब मौसम के चलते अमरनाथ यात्रा प्रभावित हुई है। यहां बारिश और भूस्खलन के कारण सैकड़ों श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

इस स्थिति में, भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं को अपने कैंपों में आश्रय दिया है। वर्तमान में अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। लगातार बारिश के कारण यह निर्णय लिया गया है।

बारिश के चलते सड़क पर मलबा बह गया है। यात्रा से लौट रहे कई श्रद्धालुओं को रास्ते में समस्याओं का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना के अनुसार, 16 जुलाई की शाम लगभग सवा सात बजे बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे यात्रा बाधित हुई और बड़ी संख्या में यात्री फंस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, यहां तैनात सेना की टुकड़ी ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। लगभग 500 यात्रियों को टेंट में ठहराया गया और उन्हें चाय एवं पीने का पानी मुहैया किया गया।

अतिरिक्त रूप से, लगभग 3000 यात्रियों ने सेना के लंगरों में आश्रय लिया, जहां उन्हें आवश्यक सुविधाएं और भोजन प्रदान किया गया। एक विशेष रूप से गंभीर मामला एक बीमार यात्री का था, जो दो भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के बीच फंसा था। भारतीय सेना की क्विक रिएक्शन टीम ने चुनौतीपूर्ण मौसम में उस यात्री को सुरक्षित रूप से बचाया और उसे चिकित्सा सहायता के लिए एम्बुलेंस में भेजा। कैंप निदेशक और भारतीय सेना के कंपनी कमांडर मौके पर मौजूद थे और स्थिति को नियंत्रण में बताया।

सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास निरंतर जारी हैं। वहीं, रायलपथरी और अन्य क्षेत्रों में हल्की बारिश अभी भी जारी है। सेना किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तत्परता के साथ तैयार है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने यहां सेना के कैंपों में शरण ली है। श्रद्धालुओं ने बताया कि समय पर सेना द्वारा इन कैंपों में शरण दी गई, जिससे वे तेज बारिश और भूस्खलन से बचे।

श्रद्धालुओं का कहना है कि लगभग 3000 लोगों को अमरनाथ यात्रा के दौरान सेना के कैंपों में शरण मिली है। यह मानवीय प्रयास भारतीय सेना की पेशेवरिता और सेवा भाव का एक और उदाहरण है, जो हर संकट में यात्रियों के साथ खड़ी रहती है।

गौरतलब है कि भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए ‘ऑपरेशन शिवा 2025’ शुरू किया है। यह ऑपरेशन नागरिक प्रशासन और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ समन्वय में चलाया जा रहा है। इस बार सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया गया है, विशेषकर पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खतरे के मद्देनजर।

सेना के अनुसार, आपदा प्रबंधन में नागरिक प्रशासन को हरसंभव सहायता दी जा रही है। इस वर्ष की यात्रा के लिए 8500 से अधिक सैनिकों की तैनाती की गई है। इन सैन्य कर्मियों को विभिन्न प्रकार की तकनीकी और परिचालन क्षमताओं से लैस किया गया है। सुरक्षा के तहत एक गतिशील आतंकवाद विरोधी ग्रिड और सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं।

Point of View

यह देखना सुखद है कि भारतीय सेना ने संकट के समय में यात्रियों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाए। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि कठिनाइयों में भी मानवता की सेवा का जज़्बा कभी नहीं रुकता।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

अमरनाथ यात्रा में क्या हुआ?
अमरनाथ यात्रा में बारिश और भूस्खलन के कारण कई श्रद्धालु फंस गए।
भारतीय सेना ने क्या किया?
भारतीय सेना ने फंसे श्रद्धालुओं को कैंपों में आश्रय और भोजन प्रदान किया।
कितने श्रद्धालुओं को सहायता मिली?
लगभग 3000 श्रद्धालुओं को सेना के कैंपों में शरण दी गई।
सेना की क्या योजना है?
सेना ने 'ऑपरेशन शिवा 2025' के तहत सुरक्षा और सहायता प्रदान करने की योजना बनाई है।
क्या स्थिति अभी भी गंभीर है?
हालांकि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन बारिश अभी भी जारी है।