क्या सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अमरनाथ यात्रा और कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की?

सारांश
Key Takeaways
- सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का कश्मीर दौरा सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन किया गया।
- उन्नत तकनीकों का एकीकरण सुरक्षा प्रतिक्रिया प्रणाली में दक्षता लाने का प्रयास है।
- चिनार कॉर्प्स का आतंकवाद विरोधी अभियानों में योगदान सराहनीय है।
- क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में कश्मीर क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड की गहन समीक्षा की।
उन्होंने 2025 की अमरनाथ यात्रा के लिए की जा रही सुरक्षा की तैयारियों का भी मूल्यांकन किया। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने उन्हें वर्तमान अभियानगत स्थिति और समग्र रणनीतिक परिदृश्य की जानकारी दी। उन्हें अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए तैयार की जा रही सुरक्षा व्यवस्था के बारे में भी बताया गया। इस दौरान उन्नत तकनीकों के एकीकरण पर भी एक प्रस्तुति दी गई, जिसका लक्ष्य निर्णय क्षमता, निगरानी और प्रतिक्रिया प्रणाली में और अधिक दक्षता लाना था।
जनरल द्विवेदी ने इस अवसर पर जम्मू कश्मीर में तैनात चिनार कॉर्प्स के सभी रैंकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के माध्यम से शांति और स्थिरता बनाए रखने में चिनार कॉर्प्स का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने क्षेत्र के विकास और स्थानीय जनसंख्या के उत्थान के लिए की जा रही पहलों की भी प्रशंसा की।
ज्ञातव्य है कि हाल ही में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में अग्रिम चौकियों का दौरा किया था। वहां उन्होंने तैनात जवानों से बातचीत की और उनकी परिचालन व प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की।
सेना प्रमुख ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों के साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए उन्हें देश की सीमाओं की रक्षा में सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बलों को उच्चतम स्तर की तैयारी और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 21 जून को जम्मू और कश्मीर में उधमपुर स्थित उत्तरी कमान में लगभग 2,500 सैनिकों के बीच उपस्थित थे। उन्होंने भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने संयम, संतुलन और सटीकता का उदाहरण प्रस्तुत किया, जो योग के माध्यम से प्राप्त आंतरिक शक्ति का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले के माध्यम से भारत की सामाजिक और सांप्रदायिक एकता को लक्षित किया गया था और ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उसे भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के परिणाम भुगतने होंगे।