क्या झारखंड के पलामू में तालाब से मिले दो बच्चों के शव एक हादसा है?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- पुलिस जांच मामले की गंभीरता को दर्शाती है।
- स्थानीय प्रशासन द्वारा सहायता की जा रही है।
- खेलने के दौरान बच्चों का लापता होना खतरनाक हो सकता है।
- जलाशयों में डूबने की घटनाएं बढ़ी हैं।
पलामू, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के मेदिनीनगर (पलामू) शहर में स्थित बड़काबांध तालाब से रविवार को दो बच्चों के शव प्राप्त हुए।
इनकी पहचान बेलवाटिका मोहल्ला के निवासी 9 वर्षीय आरो तिवारी और रेड़मा के निवासी 6 वर्षीय अर्पित दुबे के रूप में हुई है। दोनों बच्चे मौसेरे भाई थे और शनिवार की शाम को एक साथ बाहर गए थे।
इस मामले में आशंका जताई जा रही है कि दोनों बच्चों ने तालाब में नहाने का प्रयास किया और संभवतः डूब गए। तालाब के किनारे उनके कपड़े पाए गए हैं। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, आरो तिवारी शनिवार को अपने मौसा आनंद दुबे के घर रेड़मा गया था। वहां उसने अपने छोटे मौसेरे भाई अर्पित दुबे के साथ खेला। इसके बाद दोनों बच्चे घर से बाहर निकल गए।
परिजनों को लगा कि बच्चे कहीं आसपास खेल रहे होंगे, लेकिन जब वे काफी समय तक लौटे नहीं, तो उनकी खोज शुरू की गई। रात के दौरान उनका कोई पता नहीं चला।
रविवार की सुबह जब लोग काशीनगर स्थित बड़काबांध तालाब पहुंचे, तो उन्हें तालाब किनारे बच्चों के कपड़े मिले। इसके बाद स्थानीय गोताखोर तालाब में उतरे और थोड़ी देर बाद दोनों के शव मिल गए। परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं।
पुलिस ने सूचनाएं प्राप्त होते ही मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को राजा मेदिनी राय मेमोरियल कॉलेज हॉस्पिटल के लिए भेज दिया। प्रारंभिक जांच से यह हादसा प्रतीत हो रहा है। बच्चों के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट के निशान नहीं हैं। यह संभावना है कि वे तालाब में गहरे उतर गए और बाहर नहीं आ पाए।
झारखंड में पिछले दो महीनों में नदी, डैम, झरना और जलाशयों में डूबने की घटनाओं में 30 से अधिक लोगों की जान गई है। इनमें अधिकांश बच्चे और युवा शामिल हैं, जो नहाने के दौरान हादसों का शिकार बने।