क्या सेनाध्यक्ष ने अग्रिम चौकियों पर सैन्य तैयारियों की समीक्षा की?
सारांश
Key Takeaways
- सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का दौरा सीमावर्ती सुरक्षा को सुदृढ़ करता है।
- ऑपरेशनल तत्परता और सैन्य तकनीक पर जोर दिया गया।
- सैनिकों की उत्कृष्ट पेशेवर क्षमता की सराहना की गई।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने अग्रिम चौकियों का दौरा कर सैन्य तैयारियों की गहन समीक्षा की है। उन्होंने पिछले दो दिनों में विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने ऑपरेशनल क्षमता का निरीक्षण किया।
सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी 18 और 19 नवंबर को पूर्वोत्तर भारत में रहे। इस दौरान उन्होंने अग्रिम सैन्य चौकियों का विस्तार से दौरा किया और वहां तैनात सैन्य कमांडरों से रक्षा तैयारियों पर चर्चा की।
बुधवार को, सेनाध्यक्ष ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात त्रिशक्ति कोर की अग्रिम चौकियों का निरीक्षण किया।
भारतीय सेना के अनुसार, इस दौरान उन्होंने सीमा क्षेत्र में सैन्य तैयारियों और यहां तैनात सैनिकों की ऑपरेशनल क्षमता की व्यापक समीक्षा की। दौरे के दौरान, सेनाध्यक्ष को फॉर्मेशन कमांडरों ने वर्तमान रक्षा स्थिति और ऑपरेशनल तैयारियों की जानकारी दी। इसके साथ ही, संयुक्तता को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के एकीकरण से संबंधित प्रमुख पहलों पर भी चर्चा की गई।
सेनाध्यक्ष को क्षेत्र में बदलते स्ट्रेटेजिक परिदृश्य और उससे जुड़े सैन्य पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी गई। सैनिकों के साथ बातचीत करते हुए, जनरल द्विवेदी ने कठिन भू-भाग और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के बावजूद उनकी उत्कृष्ट पेशेवर क्षमता, अनुशासन और उच्च स्तरीय तैयारियों की सराहना की।
उन्होंने सैनिकों के मनोबल की प्रशंसा करते हुए उन्हें सतर्क रहने, फुर्तीला रहने और निरंतर ऑपरेशनल तत्परता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। सेनाध्यक्ष का यह दौरा अग्रिम इलाकों में तैनात सैनिकों के प्रति सेना मुख्यालय की प्रतिबद्धता और सीमा क्षेत्रों में सैन्य सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के प्रयासों को दर्शाता है।
गौरतलब है कि भारतीय सेना सीमावर्ती इलाकों और अग्रिम सैन्य चौकियों पर निगरानी के लिए स्वदेशी आधुनिक ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने इससे पहले मंगलवार को सिक्किम की अग्रिम चौकियों पर इन ड्रोन सिस्टम्स का मूल्यांकन किया था।