क्या पलानीस्वामी एआईएडीएमके छोड़ चुके नेताओं को एकजुट कर पाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- सेंगोट्टैयन ने पार्टी की एकता पर जोर दिया।
- छोड़ चुके नेताओं की वापसी आवश्यक है।
- पलानीस्वामी को समयबद्ध कार्रवाई करनी होगी।
- 2026 के चुनावों के लिए रणनीति निर्माण की आवश्यकता है।
- पार्टी में पुनर्मिलन से चुनावी सफलता संभव है।
चेन्नई, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के नेता सेंगोट्टैयन ने पार्टी की एकता को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी उन नेताओं को वापस नहीं लाएगी जो एआईएडीएमके छोड़ चुके हैं, तो आगामी विधानसभा चुनाव में सफलता प्राप्त करना कठिन होगा।
सेंगोट्टैयन ने आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, "यदि हम उन नेताओं को वापस नहीं लाते जिन्होंने एआईएडीएमके का साथ छोड़ दिया है, तो हम यह नहीं कह सकते कि अगली सरकार हमारी होगी। इसलिए, हमें तुरंत उन लोगों को पार्टी में वापस लाने की आवश्यकता है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो हम खुद एकजुट होकर इस दिशा में काम करेंगे।"
उन्होंने कहा, "कई प्रमुख नेता एआईएडीएमके छोड़ चुके हैं और महासचिव को यह तय करना चाहिए कि किन्हें वापस लाना है। दक्षिणी जिलों में पार्टी की स्थिति सभी को ज्ञात है। केवल उन नेताओं के साथ पुनर्मिलन से हम आगामी विधानसभा चुनाव में शानदार जीत सुनिश्चित कर सकते हैं।"
सेंगोट्टैयन ने एक अन्य बयान में एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी से 10 दिनों के भीतर पार्टी को एकजुट करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी पलानीस्वामी को 10 दिनों के भीतर पार्टी को एकजुट करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो मेरे कुछ करीबी सहयोगी हैं और हम मिलकर इस प्रयास को आगे बढ़ाएंगे।"
सेंगोट्टैयन द्वारा पार्टी छोड़ चुके नेताओं को फिर से एकजुट करने की मांग पर एआईएडीएमके के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यान ने प्रतिक्रिया दी। सत्यान ने कहा, "हमारे नेता (एडप्पादी पलानीस्वामी) सही समय पर इस मुद्दे पर निर्णय लेंगे और सभी को सूचित किया जाएगा।"
सेंगोट्टैयन का यह बयान 2026 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए एकता और रणनीति को सुदृढ़ करने की आवश्यकता को दर्शाता है।