क्या योगी सरकार के सेवामित्र पोर्टल से बदली तस्वीर है?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- सेवामित्र पोर्टल ने घरेलू सेवाओं की उपलब्धता को सुगम बनाया है।
- यह प्लेटफॉर्म कुशल कामगारों को रोजगार प्रदान कर रहा है।
- पोर्टल पर अब तक 39,857 सेवा बुकिंग हो चुकी हैं।
- उपभोक्ता सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकते हैं।
- इस पहल से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल रहा है।
लखनऊ, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार तकनीक के माध्यम से शासन-प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जनहित में बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उसी दिशा में, सेवायोजन विभाग ने सेवामित्र पोर्टल का विकास किया है, जो प्रदेश में घरेलू सेवाओं की सुगम उपलब्धता का साधन बन गया है। यह पोर्टल हजारों कुशल कामगारों के लिए भी रोजगार का सशक्त माध्यम बन कर उभरा है। योगी सरकार के इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े हजारों कामगार आज आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश न केवल तकनीकी रूप से आगे बढ़ रहा है, बल्कि 'आत्मनिर्भर प्रदेश' की ओर ठोस कदम भी उठा रहा है। जून 2025 तक सेवामित्र पोर्टल की उपलब्धियों पर नजर डालें तो अब तक कुल 39,857 सेवा बुकिंग की जा चुकी हैं। यह संख्या स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि प्रदेश की जनता इस सुविधा का तेजी से लाभ उठा रही है।
इसके साथ ही, सेवामित्र हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 155330 पर 38,49,028 कॉल्स रिसीव की गईं।
सेवामित्र पोर्टल के माध्यम से योगी सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के नागरिकों को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिक, एसी तकनीशियन, बढ़ई, धोबी आदि जैसी दैनिक घरेलू सेवाएं घर बैठे उपलब्ध हों। साथ ही, कुशल कामगारों को उनके घर के नजदीक ही रोजगार मिले, जिससे उन्हें दूसरे शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़े। यह दोहरा उद्देश्य आज सफलतापूर्वक पूरा होता दिख रहा है।
एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सेवामित्र प्लेटफॉर्म पर कार्य करने वाले सेवा प्रदाताओं को 27,53,794 रुपए की धनराशि उनके वॉलेट के माध्यम से प्राप्त हो चुकी है। योगी सरकार की यह पहल उपभोक्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि कामगारों के लिए भी आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रही है। वर्तमान में 52,349 कुशल कामगार इस पोर्टल पर पंजीकृत हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे युवक-युवतियां शामिल हैं, जिन्होंने तकनीकी या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है और जो अपने क्षेत्र में काम करना चाहते थे, लेकिन उन्हें सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा था। सेवामित्र योजना ने न केवल उन्हें काम दिलाया, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता भी दी।
पोर्टल की कार्यप्रणाली पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है। उपभोक्ता पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए अपनी आवश्यकता की सेवा बुक कर सकते हैं और उसी के अनुसार निकटतम पंजीकृत सेवा प्रदाता को कार्य आवंटित किया जाता है। सेवा पूरी होने के बाद उपभोक्ता सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन भी करता है, जिससे सुधार की संभावनाएं बनी रहती हैं।
योगी सरकार का उद्देश्य है कि इस पोर्टल को भविष्य में और अधिक सेवाओं से जोड़ा जाए और हर जिले और नगर निकाय तक इसका विस्तार किया जाए। इससे छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। सरकार की मंशा है कि इस पोर्टल के जरिए अधिक से अधिक स्थानीय रोजगार सृजित हों और हर वर्ग को लाभ मिले।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            