क्या शाहजहांपुर में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर ने बढ़ाया तनाव?

सारांश
Key Takeaways
- सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
- स्थानीय प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- हिंदू संगठनों और पुलिस के बीच संवाद की कमी है।
- समुदायों को शांति बनाए रखने की दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए।
शाहजहांपुर, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' बनाम 'आई लव महादेव' का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बरेली के बाद अब शाहजहांपुर में हिंसा फैलाने का प्रयास किया गया, लेकिन समय रहते प्रशासन ने सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश को नाकाम कर दिया। हिंदू संगठनों ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।
शाहजहांपुर जिले के रामचंद्र मिशन थाना क्षेत्र में एक कार्यक्रम के दौरान सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश का मामला सामने आया है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में तनाव फैल गया है।
यह कार्यक्रम प्रशासनिक अनुमति के बिना आयोजित किया गया था और इसमें 'आई लव मोहम्मद' का एक पोस्टर लगाया गया, जिसके बाद इसकी सूचना पूरे इलाके में फैल गई।
पोस्टर की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में रोष फैल गया। बजरंग दल के कार्यकर्ता तुरंत मौके पर पहुंचे और कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मामले की सूचना मिलने पर पुलिस के आला अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। हालांकि, स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने पुलिस पर कार्रवाई करने के बजाय मामले को दबाने का आरोप भी लगाया है।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि एक युवक ने जब पूरे कार्यक्रम का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो पुलिसकर्मियों ने जबरन उसका मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस प्रशासन आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय मामले को रफा-दफा करने में जुटी है। इस बीच, पुलिस अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर मीडिया से लगातार दूरी बनाए हुए हैं और कोई भी आधिकारिक बयान देने से बच रहे हैं।
इस घटना के चलते पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। हिंदू संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की हरकतें दोबारा न हों। क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।