क्या शनिवारवाड़ा विवाद में एनसीपी के अजित पवार गुट ने तीन मुस्लिम महिलाओं पर केस दर्ज करने का विरोध किया?

सारांश
Key Takeaways
- शनिवारवाड़ा विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है।
- भाजपा की मेधा कुलकर्णी ने आंदोलन किया।
- एनसीपी ने तीन मुस्लिम महिलाओं पर केस का विरोध किया।
- एआईएमआईएम ने भाजपा पर आरोप लगाया है।
- समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखना आवश्यक है।
पुणे, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे के शनिवारवाड़ा में नमाज पढ़ने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक मोड़ ले चुका है। इसी मामले में भाजपा की राज्यसभा सदस्य मेधा कुलकर्णी के आंदोलन के बाद विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में तीन मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
पुरातत्व विभाग की शिकायत के आधार पर की गई कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) ने कोंडवा स्थित कोणार्क मॉल पर आंदोलन किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) के पूर्व नगरसेवक हाजी गफूर पठान ने कहा कि शनिवारवाड़ा में जो हुआ है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि शनिवारवाड़ा पर सभी धर्म के लोग वर्षों से आते हैं। हमारी गंगा जमुना तहजीब है। पुणे शहर में सभी जाति-धर्म के लोग खुशहाल रहते हैं।
पठान ने कहा कि पुलिस प्रशासन को इस मामले की सही तरीके से जांच करनी चाहिए थी। हमने पुलिस अधिकारियों से बात की है। अगर पुलिस एफआईआर खारिज नहीं करती है तो हम बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के दबाव में पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसका हम विरोध करते हैं।
इससे पहले एआईएमआईएम के महाराष्ट्र अध्यक्ष एवं सांसद इम्तियाज जलील ने शनिवारवाड़ा विवाद को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पुणे में भाजपा के एक बड़े नेता पर 300 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला चल रहा है और इस विवाद से ध्यान भटकाने के लिए नमाज का मुद्दा उठाया गया है।
इम्तियाज जलील ने आरोप लगाया कि मेधा कुलकर्णी ने जानबूझकर इस विवाद को हवा दी है। उन्होंने कहा कि शनिवारवाड़ा में स्थित दरगाह बहुत पुरानी है और 60 साल से अधिक उम्र के लोग भी इसकी ऐतिहासिक मौजूदगी की पुष्टि करते हैं।
एआईएमआईएम नेता ने यह भी कहा कि समाज को उन महिलाओं से सीख लेना चाहिए जिन्होंने केवल दो मिनट नमाज अदा की। “यदि बुर्का पहने महिलाओं ने दो मिनट नमाज पढ़ ली, तो इसमें क्या गलत है?” उन्होंने पुलिस पर यह आरोप भी लगाया कि उसने दबाव में आकर इन महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
इम्तियाज जलील ने कहा कि शनिवारवाड़ा का इतिहास पेशवाओं और छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा हुआ है, और शिवाजी महाराज को कभी मुसलमानों से कोई आपत्ति नहीं थी। तो ये लोग कौन हैं जो समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं?