क्या महाराजा सुहेलदेव पर विवादित बयान देने के बाद शौकत अली की मुश्किलें बढ़ गईं?

सारांश
Key Takeaways
- शौकत अली का बयान विवादास्पद रहा है।
- महाराजा सुहेलदेव का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश है।
- एफआईआर दर्ज होने के बाद शौकत अली की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
- सामाजिक सौहार्द बनाए रखना आवश्यक है।
बहराइच, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उत्तर प्रदेश प्रमुख शौकत अली एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान के कारण चर्चा में हैं। हाल ही में, उन्होंने महाराजा सुहेलदेव पर अपमानजनक टिप्पणी की, जिसके चलते बहराइच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
यह मामला हिंदू रक्षा दल के जिला महामंत्री तिलकराम मिश्रा द्वारा दर्ज कराया गया है। उनका आरोप है कि शौकत अली ने महाराजा सुहेलदेव जैसे महान योद्धा का अपमान किया है, जिसे सहन नहीं किया जा सकता।
दरअसल, बहराइच में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में शौकत अली ने कहा था कि सालार मसूद गाजी लुटेरे नहीं थे, बल्कि सुहेलदेव लुटेरे थे। उन्होंने यह भी कहा कि सालार मसूद गाजी मुसलमान थे और मुसलमान इंसाफ़ पसंद होते हैं। जब सुहेलदेव ने अन्याय और अत्याचार आरंभ किया, तब सालार मसूद गाजी उनके खिलाफ लड़ाई के लिए आए थे।
शौकत अली के इस बयान ने हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया। हिंदू रक्षा दल और कई अन्य संगठनों ने इसे इतिहास और जनभावनाओं से छेड़छाड़ करार देते हुए सख्त नाराजगी जताई है।
तिलकराम मिश्रा ने थाने में तहरीर देकर शौकत अली और फिरोज बागवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर में मांग की गई है कि इस विवादित बयान के लिए दोनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। संगठन का कहना है कि महाराजा सुहेलदेव देश के गौरव का प्रतीक हैं, जिन्होंने आक्रांताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। ऐसे महानायक को लुटेरा बताना न केवल इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना है, बल्कि जनभावनाओं को भड़काने का प्रयास भी है।
गौरतलब है कि शौकत अली ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर भी एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सनातन और हिंदुत्व की बात करने वाले धीरेंद्र शास्त्री दुबई जाकर शेखों के घर बिरयानी खाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि धीरेंद्र शास्त्री जनता को बेवकूफ बना रहे हैं।