क्या शेख शाहजहाँ केस में गवाह की सड़क दुर्घटना हत्या की सोची-समझी साजिश है?
सारांश
Key Takeaways
- शेख शाहजहाँ केस में गवाह की सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आई हैं।
- गवाह के बेटे और ड्राइवर की घटनास्थल पर ही मृत्यु हुई।
- सुकांता मजूमदार ने ममता बनर्जी पर तीखे आरोप लगाए हैं।
- यह घटना हत्या की सोची-समझी साजिश का संकेत देती है।
- भोला घोष को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया है।
कोलकाता, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शेख शाहजहाँ से संबंधित मामले का सीबीआई और ईडी का एक महत्वपूर्ण गवाह सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया। बुधवार सुबह, जब वह गवाही देने के लिए अदालत जा रहे थे, तब एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इस घटना में गवाह के बेटे और ड्राइवर की जान चली गई।
इस घटना पर भारत सरकार में शिक्षा एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांता मजूमदार ने ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि जब किसी राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने से ज्यादा अपराधियों को बचाना प्राथमिकता बन जाती है, तब यह बताता है कि मुख्यमंत्री खुद ऐसे अपराधियों को बचाने के लिए कितनी बेताब हैं।
उन्होंने कहा कि शेख शाहजहाँ मामले में एक महत्वपूर्ण गवाह आज संदेशखाली के नजदीक एक भयानक घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना में दो अन्य लोगों की भी जान गई। शेख शाहजहाँ मामले में मंगलवार को अदालत की सुनवाई अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
मुख्य गवाहों में से एक, भोला घोष, अपने बेटे के साथ अदालत में पेश होने के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में एक ट्रक ने उनकी कार को जोरदार टक्कर मार दी। भोला के बेटे और ड्राइवर की मौके पर ही मृत्यु हो गई। गंभीर रूप से घायल भोला घोष को पहले एक स्थानीय अस्पताल भेजा गया और बाद में कोलकाता में स्थानांतरित किया गया।
सुकांता मजूमदार के अनुसार, ट्रक का चालक अब्दुल हलीम मोल्ला है, जो शेख शाहजहाँ का करीबी साथी है। अब्दुल हलीम मोल्ला लंबे समय से सीबीआई की भगोड़ा सूची में है, इसलिए यह स्पष्ट है कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह हत्या की एक सोची-समझी साजिश थी।
उन्होंने आगे कहा कि यह घटना यह दर्शाती है कि कुख्यात अपराधी शेख शाहजहाँ जेल में रहने के बावजूद किस प्रकार से संगठित तरीके से महत्वपूर्ण गवाहों को खत्म करने का प्रयास कर रहा है। यह समझना मुश्किल नहीं है कि इतनी सावधानी से की गई हत्या किसके संरक्षण में हो रही है।