क्या शिबू सोरेन का निधन झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है?

सारांश
Key Takeaways
- शिबू सोरेन का निधन झारखंड में शोक की लहर है।
- उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
- राजनीतिक नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
- उनकी आत्मा को शांति मिले, यह सभी की प्रार्थना है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
सोमवार को शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से किडनी की बीमारी और ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित थे और अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ ने सर गंगा राम अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन, जिन्हें गुरुजी के नाम से जाना जाता था, हर किसी के लिए मार्गदर्शक थे। उनका निधन झारखंड और पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। संजय सेठ ने उनके नशे के खिलाफ मुखर रुख और सभी वर्गों के प्रति प्रेम को याद किया और प्रार्थना की कि शिबू सोरेन की आत्मा को ईश्वर के चरणों में स्थान मिले।
भाजपा सांसद दीपक प्रकाश ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा झारखंड स्तब्ध है। उन्होंने शिबू सोरेन को एक सफल राजनीतिज्ञ बताते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दीपक प्रकाश ने उन्हें दिशोम गुरु के रूप में याद किया और कहा कि वे एक संवेदनशील व्यक्ति थे, जो आदिवासियों और गरीबों की पीड़ा को समझते थे। ईश्वर शिबू सोरेन की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
पूर्व सांसद संजीव कुमार ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें नजदीक से जाना। उन्होंने बताया कि वकील बनने के बाद शिबू सोरेन के लिए निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई केस लड़े। उन्होंने इसे एक बहुत दुखद समय बताया और कहा कि अभी हेमंत सोरेन से मुलाकात नहीं हो पाई है, लेकिन उनके अनुसार, शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को रांची ले जाया जाएगा, जहां परिवार के लोग अंतिम संस्कार की तिथि तय करेंगे।