क्या शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन में उमड़ी भीड़ ने झारखंड को एकजुट किया?

सारांश
Key Takeaways
- शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर रांची लाया गया।
- उनका अंतिम संस्कार नेमरा में होगा।
- राज्य सरकार ने तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है।
- लोगों ने भारी संख्या में उन्हें श्रद्धांजलि दी।
- सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
रांची, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड आंदोलन के महानायक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संरक्षक और तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर रविवार शाम को दिल्ली से एक विशेष विमान के माध्यम से रांची लाया गया।
एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री जोएल ओराम, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, झामुमो के कार्यकर्ता, विपक्ष के कई नेता और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
गगनभेदी नारों और आंसुओं के बीच, पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से फूलों से सजे विशेष वाहन में मोरहाबादी स्थित उनके आवास लाया गया। पूरे रास्ते, अंतिम दर्शन के लिए लोग सड़कों के किनारे खड़े रहे।
पार्थिव शरीर को आम जन के दर्शनार्थ मोरहाबादी स्थित आवास पर रखा गया है।
सोमवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक, पार्थिव शरीर को झारखंड विधानसभा परिसर में रखा जाएगा। इसके बाद अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़) के लिए रवाना होगी, जहां दोपहर बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राज्य सरकार ने शिबू सोरेन के सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। 4 और 5 अगस्त को राज्य के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इस दौरान कोई राजकीय समारोह आयोजित नहीं होगा। विधानसभा का मानसून सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
पुलिस-प्रशासन की ओर से मोरहाबादी, विधानसभा और अंतिम यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जबकि यातायात को लेकर विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, सुदिव्य कुमार, राजेश ठाकुर और झामुमो, कांग्रेस व भाजपा के अन्य कई नेताओं ने मोरहाबादी पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि 81 वर्षीय शिबू सोरेन का निधन दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ था। वे लंबे समय से बीमार थे।