क्या शिक्षकों को विशेष ड्यूटी सौंपे जाने की खबरें भ्रामक हैं? शिक्षा निदेशालय ने किया खंडन

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क्या शिक्षकों को विशेष ड्यूटी सौंपे जाने की खबरें भ्रामक हैं? शिक्षा निदेशालय ने किया खंडन

सारांश

शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों को विशेष ड्यूटी सौंपने की खबरों को भ्रामक बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। यह स्पष्टीकरण सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा निर्देशों के संदर्भ में आया है। शिक्षकों पर कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी नहीं है।

Key Takeaways

  • शिक्षकों पर कोई विशेष ड्यूटी नहीं लगाई गई है।
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
  • सुरक्षा उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी अन्य संस्थाओं की है।

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कुछ प्रिंट मीडिया में शिक्षकों को विशेष ड्यूटी सौंपे जाने से संबंधित जो खबरें फैल रही हैं, उन्हें भ्रामक बताते हुए शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। निदेशालय ने कहा है कि शिक्षकों को अतिरिक्त या अलग जिम्मेदारियां सौंपने से संबंधित कोई आदेश नहीं है।

शिक्षा निदेशालय ने यह स्पष्टीकरण सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में जारी किए गए दिशा-निर्देशों को लेकर फैली गलतफहमियों के बीच दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर 2025 को स्वतः संज्ञान याचिका “शहर में आवारा कुत्तों का आतंक, बच्चे चुका रहे हैं कीमत” में शहरों में आवारा कुत्तों से बच्चों की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए थे।

इन आदेशों के अनुसार, शहरी विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 12 नवंबर 2025 को और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 20 नवंबर 2025 को बैठकें आयोजित की गई थीं। 20 नवंबर को हुई बैठक की कार्यवाही 27 नवंबर 2025 को जारी की गई, जिसमें शिक्षा संस्थानों और खेल परिसरों में आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने पर विशेष ध्यान दिया गया।

इसके तहत शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए गए कि वह बैठक की कार्यवाही के भाग-III में उल्लिखित सुरक्षा उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी ले।

शिक्षा निदेशालय ने 20 नवंबर 2025 और 5 दिसंबर 2025 को अपने अधीन सभी कार्यालयों, स्कूलों और स्टेडियमों के प्रमुखों को परिपत्र जारी किए। साथ ही 24 नवंबर और 10 दिसंबर 2025 को नगर निगम दिल्ली (एमसीडी), नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड (डीसीबी), भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को उनके अधिकार क्षेत्र में आवश्यक सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए पत्र भेजे गए।

निदेशालय के अनुसार, जिम्मेदारी शिक्षकों को नहीं, बल्कि संबंधित कार्यालयों, स्कूलों और स्टेडियमों के प्रमुखों तथा स्थानीय निकायों को सौंपी गई है। निर्देशों के तहत निम्नलिखित कदम उठाने को कहा गया है। इसमें अपने क्षेत्र के सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों व खेल परिसरों की पूरी सूची उपलब्ध कराना, चारदीवारी, गेट और फेंसिंग को सुदृढ़ कर आवारा कुत्तों के प्रवेश और ठहराव को रोकना, प्रत्येक संस्था में प्राथमिकता के आधार पर नोडल अधिकारी नियुक्त करना, उनके विवरण को मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रदर्शित करना और संबंधित स्थानीय निकाय को जानकारी देना। छात्रों और स्टाफ के लिए पशुओं के आसपास सुरक्षित व्यवहार, काटने की स्थिति में प्राथमिक उपचार और तत्काल सूचना देने की प्रक्रिया पर जागरूकता सत्र आयोजित करना, खेल परिसरों में चौबीसों घंटे सुरक्षा कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करना शामिल हैं।

शिक्षा निदेशालय ने मीडिया और जनता से अपील की है कि आधिकारिक परिपत्रों और आदेशों को सही संदर्भ में समझा जाए और भ्रामक सूचनाओं से बचा जाए। निदेशालय ने फिर से दोहराया कि शिक्षकों पर कोई अतिरिक्त ड्यूटी नहीं लगाई गई है और सभी निर्देश केवल संस्थागत सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हैं।

Point of View

मैं यह कहना चाहूंगा कि शिक्षा निदेशालय का यह स्पष्टीकरण न केवल शिक्षकों की स्थिति को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हमें मीडिया से प्राप्त सूचनाओं को सावधानी से समझना चाहिए। सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हमारे और समाज के लिए हानिकारक हो सकता है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या शिक्षकों को अतिरिक्त ड्यूटी पर लगाया गया है?
नहीं, शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्या संबंध है?
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से बच्चों की सुरक्षा के लिए निर्देश दिए थे, जिसके अनुपालन में यह स्पष्टीकरण दिया गया।
शिक्षा निदेशालय ने क्या निर्देश दिए हैं?
शिक्षा निदेशालय ने संबंधित कार्यालयों और स्कूलों को सुरक्षा उपाय लागू करने की जिम्मेदारी दी है।
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