क्या शिशिर ऋतु में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपायों की जानकारी आपको चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- समय पर भोजन करें और गुनगुना पानी पिएं।
- हल्का व्यायाम या योग करें।
- दूध और दही का सेवन करें।
- तेल से रोजाना मालिश करें।
- ठंडी चीजों से बचें।
नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिशिर ऋतु, यानी दिसंबर से मध्य फरवरी तक का ठंडा मौसम, शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान ठंडी हवाएं चलती हैं और शरीर को सामान्य दिनों से अधिक गर्माहट और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऐसे में सही खान-पान और दिनचर्या का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। आयुर्वेद इस मौसम में क्या करें और क्या नहीं इसके बारे में मार्गदर्शन करता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने शिशिर ऋतु में स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेदिक सुझाव साझा करते हुए बताया है कि आपको क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार, शिशिर ऋतु में समय पर भोजन करना, गुनगुना पानी पीना, शरीर को ठंड से बचाना, और हल्का व्यायाम या योग करना जैसे सरल उपाय इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं और शरीर को सक्रिय रखते हैं।
इस मौसम में शरीर को गर्म और पौष्टिक रखने के लिए कुछ विशेष आदतें अपनानी चाहिए। सबसे पहले, आहार पर ध्यान दें। मीठा, खट्टा और नमकीन स्वाद वाले भोजन का सेवन करें। ये शरीर को ऊर्जा देते हैं और ठंड से लड़ने में सहायता करते हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे घी, दही, पनीर आदि का सेवन करें। ये पौष्टिक होते हैं और शरीर की गर्माहट बढ़ाते हैं। शहद का प्रयोग करें, विशेषकर गुनगुने पानी के साथ। यह पाचन सुधारता है और इम्युनिटी बढ़ाता है।
शिशिर ऋतु में भारी लेकिन पौष्टिक आहार लें, जैसे दलिया, खिचड़ी, सूखे मेवे और गुड़ वाली चीजें। इस दौरान रोजाना तेल से मालिश करें। सरसों या तिल के तेल की मालिश शरीर को गर्म रखती है, जोड़ों के दर्द से बचाती है और त्वचा को नरम बनाती है। ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें, कमरे को बंद रखें और बाहर निकलते समय अपने मुंह और नाक को ढकें। इसके साथ ही, शारीरिक व्यायाम भी जरूरी है। सुबह हल्की सैर, योगासन या प्राणायाम करें। इससे शरीर सक्रिय रहता है और रक्त संचार बेहतर होता है। इसके साथ ही, गर्म पानी से नहाना या स्टीम लेना भी फायदेमंद है। यह सांस की समस्याओं से बचाता है और शरीर को आराम देता है।
हालांकि, कुछ चीजें इस मौसम में नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इन्हें करने से बचना चाहिए। तीखा, कड़वा और कब्जउपवास
शिशिर ऋतु में ठंडी हवा वाले वातावरण में ज्यादा देर न रहें। बाहर ठंड में बिना सुरक्षा के न घूमें और रात में खुली जगह पर सोने से बचें। इन सरल उपायों से शिशिर ऋतु में होने वाली समस्याओं को मात दी जा सकती है।