क्या शास्त्रीय गायक शिव शंकर मिश्रा युवा पीढ़ी से अपील कर रहे हैं कि वे अपनी सनातन परंपराओं को गहराई से जानें?
सारांश
Key Takeaways
- शिव शंकर मिश्रा का संगीत परिवार से संबंध है।
- उन्होंने भक्ति गीतों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।
- युवाओं को अपनी परंपराओं को समझने और संजोने की अपील की है।
प्रयागराज, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रहने वाले प्रसिद्ध शास्त्रीय और उप शास्त्रीय गायक शिव शंकर मिश्रा को सनातन धर्म और मां गंगा के प्रति गहरी भावना के लिए जाना जाता है। वे अक्सर अपने परिवार के सदस्यों द्वारा रचित भक्ति गीत गाते हैं और युवाओं को भारतीय परंपराओं की ओर प्रेरित करते हैं।
गायक ने हाल ही में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने भक्ति गीत 'मां गंगा की कल कल बहती धारा' गाया है। इस गीत की रचना उनके बड़े भाई और उनके गुरु पंडित विद्यखर मिश्रा के पुत्र वरुण मिश्रा ने की है।
उन्होंने कहा, "इस गाने में 'संतान धर्म' और 'मां गंगा जी' जैसी छोटी पंक्तियाँ शामिल हैं, जो यह दर्शाती हैं कि मां गंगा का स्नान करने से लोग भ्रम, दुख और मिलन संबंधी विचारों से मुक्त हो जाते हैं। संगम तीर्थ पर अमृत की बूंदें गिरी थीं, इसलिए इसकी महिमा अपार है।
सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सनातन धर्म के संवर्धन के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रही है। गायक ने पिछले वर्ष महाकुंभ की याद करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित महाकुंभ अत्यंत भव्य और दिव्य था।
लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा का आशीर्वाद लिया तथा स्वच्छ, सुगम और सुविधाजनक दर्शन का अनुभव किया। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए आग्रह किया, "युवा पीढ़ी अपनी सनातन परंपराओं को गहराई से जानें, अपनी संस्कृति को अच्छे से समझें, उस पर गर्व करें और इसे आगे बढ़ाने में सक्रिय भागीदारी निभाएं। साथ ही माघ मेले में हो सके तो अवश्य शिरकत करें।"
गायक शिव शंकर मिश्रा एक संगीत परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बड़े भाई वरुण मिश्रा उनके लिए संगीत बनाते हैं। वे वाराणसी घराने की समृद्ध संगीत परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।