क्या शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन के नाम बदलने के प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी? : छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम

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क्या शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन के नाम बदलने के प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी? : छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम

सारांश

शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर 'सेंट मैरी' रखने के प्रस्ताव ने सियासी हलचल मचा दी है। देवेंद्र फडणवीस ने इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बताया, जबकि टीएस सिंहदेव ने अपनी अनजान होने की बात कही। इस विवाद ने धर्म और राजनीति के टकराव को फिर से उजागर किया है।

Key Takeaways

  • शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव विवादास्पद है।
  • देवेंद्र फडणवीस ने इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बताया।
  • टीएस सिंहदेव ने कहा कि उन्हें इस प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी।
  • यह विवाद धर्म और राजनीति के टकराव को उजागर करता है।
  • कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ऐलान ने बवाल मचाया।

अंबिकापुर, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में स्थित शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर 'सेंट मैरी मेट्रो स्टेशन' रखने के प्रस्ताव ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। इस विवाद पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान है। इस पर छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने प्रतिक्रिया दी है।

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने इस विवाद पर बात करते हुए कहा कि उन्हें इस प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, "शिवाजी महाराज के खिलाफ होने की तो कहीं कोई बात नहीं है। यह नाम परिवर्तन का खेल कुछ लोगों ने शुरू किया है और यह नई बात है। हमें यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि हमारे राष्ट्रीय प्रमुखतम व्यक्तियों का सम्मान बरकरार रहना चाहिए।"

बता दें कि 11 सितंबर को इस प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर 'सेंट मैरी' करना छत्रपति शिवाजी महाराज का सीधा अपमान है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की एक "वैकल्पिक धार्मिक व्यवस्था" को स्थापित करने की कोशिश का हिस्सा है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने भी इस विवाद पर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "ये लोग कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज को बड़ा नहीं करेंगे। ये सिर्फ उनका अपमान ही करते हैं और हमेशा द्वेष की भावना रखते हैं। कांग्रेस से आप और क्या उम्मीद कर सकते हैं?"

दरअसल, 8 सितंबर को बेंगलुरु की प्रसिद्ध सेंट मैरी बेसिलिका में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ऐलान किया कि शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी मेट्रो स्टेशन रखा जाएगा। यह वादा उन्होंने स्थानीय विधायक रिजवान अरशद और बेंगलुरु के आर्कबिशप पीटर मचाडो के अनुरोध पर किया था।

इस मुद्दे ने एक बार फिर से धर्म, राजनीति और इतिहास के टकराव को उजागर कर दिया है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे सांप्रदायिक सद्भाव की दिशा में कदम बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विरोध करने वालों का मानना है कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीकों से छेड़छाड़ कर राजनीति की जा रही है।

Point of View

वहीं विरोधी इसे एक राजनीतिक चाल के रूप में देख रहे हैं। इस पर सटीक और संवेदनशीलता के साथ विचार करने की आवश्यकता है।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव सही है?
यह प्रस्ताव विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा जा रहा है, कुछ इसे सही मानते हैं जबकि अन्य इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान मानते हैं।
टीएस सिंहदेव का इस विवाद पर क्या कहना है?
टीएस सिंहदेव ने कहा कि उन्हें इस प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी और इसे कुछ लोगों का खेल बताया।
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
उन्होंने इसे छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बताते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया।