क्या श्रावण मास में पीएम मोदी को जीआई क्राफ्ट से निर्मित शिवलिंग भेंट किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का काशी आगमन का महत्व
- जीआई टैग प्राप्त काशी शिल्प का सम्मान
- शिवलिंग और अन्य धार्मिक प्रतीकों की अद्वितीयता
- डॉ. रजनीकांत द्वारा कलाकृति का निर्माण
- 'लोकल से ग्लोबल' का संदेश
काशी, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। श्रावण मास के पावन महीने में काशी आगमन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीआई टैग प्राप्त काशी शिल्प की एक अद्वितीय कलाकृति भेंट की गई। इस शानदार शिल्प में अरघे में विराजमान शिवलिंग, पांच फन वाला नाग, नंदी, त्रिशूल, कलश में गंगा जल, चंदन-भस्म और बाबा विश्वनाथ का प्रसाद शामिल हैं।
जीआई विशेषज्ञ एवं पद्मश्री सम्मानित डॉ रजनीकांत ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि पीएम मोदी का काशी आना सदैव फलदायी होता है। इस बार भी उन्होंने काशी को अनेक उपहार दिए हैं। पीएम मोदी जब भी काशी आते हैं तो उन्हें जीआई टैग प्राप्त काशी शिल्प की कोई न कोई अनुपम कलाकृति भेंट की जाती है। मुख्यमंत्री योगी की इच्छा थी कि श्रावण मास के पावन अवसर पर पीएम मोदी को जीआई टैग प्राप्त काशी शिल्प से तैयार कोई विग्रह दिया जाए। इस प्रकार, पीएम मोदी को भव्य शिल्प में अरघे में विराजमान शिवलिंग भेंट किया गया, जिसमें पांच फन वाला नाग और सामने नंदी विराजमान हैं।
उन्होंने आगे कहा कि रुद्राक्ष से भगवान शिव को सजाया गया है। यह संपूर्ण विग्रह अपने आप में अत्यंत मनोरम है। हमारे कारीगरों ने इसे बड़ी मेहनत से तैयार किया है। जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को यह भेंट की, तो यह क्षण अत्यंत सुखदायी था। यह क्षण सनातनियों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए एक गौरव का क्षण बन गया। पीएम मोदी के दौरे को लेकर प्रशासन और इससे जुड़े हुए लोगों की हमेशा कोशिश रहती है कि कार्यक्रम के अनुरूप उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया जाए।
जीआई विशेषज्ञ एवं पद्मश्री सम्मानित डॉ रजनीकांत ने जानकारी दी कि यह विशेष उपहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को सभा स्थल पर भेंट किया गया। 18 इंच ऊँचाई और 15 इंच चौड़ाई वाली यह अनोखी कलाकृति ‘बनारस मेटल रिपौसी क्राफ्ट’, ‘मीनाकारी’ और ‘मेटल कास्टिंग’ तीनों जीआई टैग प्राप्त शिल्पों का समन्वय है।
आपको बता दें, इस कलाकृति को डॉ. रजनीकांत के मार्गदर्शन में तैयार किया गया। समस्त शिल्पी समाज इस गौरवपूर्ण क्षण को लेकर उत्साहित और सम्मानित महसूस कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर काशी की सिल्क, भदोही के कालीन और पारंपरिक हस्तशिल्पों को बढ़ावा देते हुए 'लोकल से ग्लोबल' का संदेश दोहराया।