क्या तेजस्वी के दावे पर हर्षवर्धन सिंह ने तंज कसा?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव के दावे पर हर्षवर्धन सिंह की प्रतिक्रिया।
- राजनीति में झूठ बोलने की आदतें।
- जनता का विश्वास खोने का खतरा।
- चुनाव आयोग के नियम और प्रक्रियाएं।
- राजनीतिक गुमराह करने की रणनीतियां।
नई दिल्ली, २ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजद नेता तेजस्वी यादव के बयानों पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव हर्षवर्धन सिंह ने टिप्पणी की है कि यह उनका पुराना रिवाज है, वे हमेशा झूठ बोलने के लिए जाने जाते हैं।
हर्षवर्धन सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव के द्वारा किए गए झूठी बातों का खुलासा अक्सर हो जाता है। अगर आप ऐसा झूठ बोलें जो पकड़ में ना आए, तो ठीक है। किंतु, एक छोटी सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना और जनता की भावनाओं को अपने पक्ष में करना, कुछ ही समय में बेनकाब हो जाता है। तेजस्वी यादव में परिपक्वता आ रही है, लेकिन उनके ऐसे बयानों से यह प्रतीत होता है कि उन्हें परिपक्व होने में अभी समय लगेगा। इस तरह के बयानों से वे जनता का विश्वास भी खो सकते हैं।
बिहार में एसआईआर के अपडेट होने से लगभग ६५ लाख लोगों के नाम कटने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यदि आप चुनाव आयोग में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो आपको अपने नाम कटने के लिए तैयार रहना चाहिए। हर पार्टी के बीएलए होते हैं, यदि एक भी गलत नाम कटता है, तो हंगामा खड़ा हो जाता है। इसलिए, सभी को कागजात जमा करने चाहिए। चुनाव आयोग ने एक महीने का समय दिया है। यदि किसी का कागज छूट गया है, तो उन्हें जाकर जमा करना चाहिए। जिन लोगों का नाम मतदाता सूची में है, लेकिन वे अब इस राज्य में नहीं रहते, उनके नाम हटाए जाने चाहिए। यही काम आयोग ने किया है।
उन्होंने राहुल गांधी के 'एटम बम' वाले दावे पर कहा कि राहुल गांधी के पास हमेशा पाकिस्तान की तरह एटम बम होता है और यह हमेशा राहुल के पास ही रह जाएगा। यह केवल जनता को गुमराह करने के लिए किया जाता है।