क्या श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर से पुरानी बीमारियों और समस्याओं से मिलती है मुक्ति?

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क्या श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर से पुरानी बीमारियों और समस्याओं से मिलती है मुक्ति?

सारांश

आंध्र प्रदेश का श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर भक्तों को पुरानी बीमारियों और पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। इस मंदिर की विशेषताएँ और मान्यताएँ जानें, जो इसे अनूठा बनाती हैं।

Key Takeaways

  • श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर की खासियतें और मान्यताएँ
  • दर्शन से मिलने वाली मुक्ति
  • शिवरात्रि के भव्य आयोजन की जानकारी
  • स्वयंभू शिवलिंग का महत्व

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीमारियों और समस्याओं से हर कोई मुक्ति पाना चाहता है। इन सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए लोग अलग-अलग मंदिरों की चौखट पर हाजिरी लगाते हैं।

आंध्र प्रदेश में एक ऐसा ही शिव मंदिर है, जो इन सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाने में सहायता करता है। श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर में भक्त इसी उद्देश्य से आते हैं।

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के पास गोवाड़ा में भगवान शिव को समर्पित श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर है, जिसे शैव तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव लिंग रूप में विराजमान हैं। तमिलनाडु में बहुत कम ही ऐसे मंदिर हैं, जहां भगवान अपने वाहन के साथ गर्भगृह में उपस्थित हैं।

मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू हैं और एक भक्त को अपने विशाल रूप में दर्शन दिए थे। इस मंदिर से जुड़ी एक लोककथा के अनुसार, भगवान शिव को पूजने वाले एक भक्त ने एक दिन अद्भुत प्रकाश देखा। जब वह पास गए, तो पता चला कि एक शिवलिंग से दिव्य रोशनी निकल रही है। भगवान ने स्वयं आकर मंदिर को बनाने का आदेश दिया था।

शुरुआत में मंदिर को छोटे स्तर पर स्थापित किया गया था, लेकिन 1947 में इसे दोबारा बनाया गया। यह मंदिर पारंपरिक वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर गांव गोवाड़ा में स्थित है, जिसे इतिहास के पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है।

चोल वंश के दौरान 12वीं सदी में बसे इस गांव पर कभी ब्राह्मणों का अधिपत्य था, और वहां शिव तथा कृष्ण दोनों को समर्पित मंदिर हुआ करते थे। भक्तों का मानना है कि मंदिर में दर्शन मात्र से श्री बालकोटेश्वर स्वामी पुरानी बीमारियों और पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति

शिवरात्रि के अवसर पर यहां भव्य आयोजन होता है और 10 दिन तक लगातार अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान भक्तों का मेला लगता है। दूध, दही, शहद, और पानी जैसी पवित्र चीजों से भगवान का अभिषेक किया जाता है और भक्त रातभर जागरण करते हैं।

Point of View

जहां भक्त अपनी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। यह मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

श्री बालकोटेश्वर स्वामी मंदिर कहाँ स्थित है?
यह मंदिर आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के गोवाड़ा में स्थित है।
क्या इस मंदिर में दर्शन करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है?
भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से पुरानी बीमारियों और पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
शिवरात्रि पर इस मंदिर में क्या खास होता है?
शिवरात्रि के मौके पर यहाँ भव्य आयोजन होते हैं और 10 दिन तक अनुष्ठान किए जाते हैं।
क्या इस मंदिर की कोई विशेषता है?
इस मंदिर में भगवान शिव का स्वयंभू शिवलिंग है, जो इसे अनूठा बनाता है।
इस मंदिर में पूजा का क्या महत्व है?
यहाँ पूजा करने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
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