क्या दिल्ली के इस्कॉन मंदिर समेत देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व धार्मिक एकता में है।
- ईस्ट ऑफ कैलाश में इस्कोन मंदिर का भव्य आयोजन।
- भगवान कृष्ण के संदेशों का पालन करना आवश्यक है।
- स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करके अर्थव्यवस्था को मजबूत करें।
- धर्मनगरी हरिद्वार में भी विशेष उत्सव मनाए जा रहे हैं।
दिल्ली/गुना/हरिद्वार, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर देशभर के मंदिरों में भक्तिपूर्ण माहौल बना हुआ है। दिल्ली के इस्कोन मंदिर में इस बार श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ देखने को मिल रही है। मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कुतुबगढ़ में दिव्य ज्योति जागृत संस्थान द्वारा आयोजित श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में बांके बिहारी के दिव्य दर्शन किए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण धर्म और जीवन के शाश्वत संदेश भी हैं। उनकी 16 कलाएं हमें यह सिखाती हैं कि कर्म में योग हो, वाणी में मधुरता हो, नीति में धर्म हो और जीवन में करुणा हो। उनके जीवन का हर चरित्र हमें एक संदेश देता है। उन्होंने समानता की बात की। मेरा मानना है कि आज का दिन पूरे देश और हिंदू धर्म के प्रत्येक श्रद्धालु के लिए एक शुभ दिन है। भगवान कृष्ण की कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे। पूरा देश उत्सव के माहौल में है और भगवान के दिव्य आगमन की तैयारी करते हुए सभी को मिलकर यह उत्सव मनाना चाहिए।
दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में भव्य आयोजन किया गया है। लोग लगातार यहां पर पहुंच रहे हैं और भगवान कृष्ण का दर्शन कर रहे हैं। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज भी इस्कॉन मंदिर पहुंची और उन्होंने भी भगवान कृष्ण के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा भी इस्कॉन मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान कृष्ण का दर्शन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मैं सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। हम सभी पर भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद बना रहे। हम कन्हैया की पूजा करने के साथ उनकी ओर से दिए गए संदेशों को आत्मसात करें।
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने जो संदेश दिया है, वो जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने ग्वालों से कहा कि इंद्र की पूजा मत करो, वो तो बहुत दूर है। गोवर्धन को पूजो, जो हमें सब कुछ देता है। गोवर्धन पर्वत गायों को घास देता है, यहां के पेड़ फल देते हैं। साथ ही कई तरह की औषधियां भी मिलती हैं। यही तो भगवान श्री कृष्णा का 'वोकल फॉर लोकल' का संदेश था। आज के संदर्भ में कहें तो स्वदेशी अपनाओ। अपने गांव, अपने जिले और अपने प्रदेश में बनी चीजों को ही दैनिक उपयोग में खरीदें। अगर हम अपने आसपास बनी चीजों को खरीदेंगे तो कारीगरों को, स्वयं सहायता समूहों और किसानों को फायदा होगा। उनकी आय बढ़ेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हुए संकल्प करें कि हम केवल स्वदेशी वस्तुएं ही खरीदेंगे और स्वदेशी के प्रण को जन-जन तक पहुंचाएंगे। स्वदेशी को हमें मिलकर जन आंदोलन बनाना है।
मध्य प्रदेश के गुना जिले में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है। मंदिर प्रांगण और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गुना में गायत्री मंदिर से लक्ष्मीगंज तक श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें डीजे, ढोल-नगाड़े, घोड़े, लोक कलाकार और भजन मंडली आकर्षण का केंद्र रहे। लोक कलाकारों द्वारा भगवान श्री कृष्ण की वेशभूषा में आकर्षक नृत्य और श्री कृष्ण के भजनों की प्रस्तुतियां दी गई।
धर्मनगरी हरिद्वार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं। जगह-जगह फूलों और रोशनी से सजे मंदिर भक्तों को आकर्षित कर रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए भक्त तैयार हैं और श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर अपने आराध्य के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर समिति की ओर से सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए हैं।