क्या अयोध्या में 13 दिसंबर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की महत्वपूर्ण बैठक होगी?
सारांश
Key Takeaways
- बैठक 13 दिसंबर को मणिराम छावनी में आयोजित होगी।
- ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
- बैठक में राम मंदिर निर्माण से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
- बैठक में केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
- यह पहली महत्वपूर्ण बैठक है जो पिछले 9 सितंबर के बाद हो रही है।
अयोध्या, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक महत्वपूर्ण बैठक 13 दिसंबर को मणिराम छावनी में आयोजित की जाएगी। यह बैठक अपराह्न 2 बजे से प्रारंभ होगी। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राम मंदिर परिसर में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों और हाल ही में संपन्न कार्यक्रमों की समीक्षा करना है, जिसे विशेष महत्व दिया जाएगा। बैठक में ट्रस्ट के प्रमुख पदाधिकारी और न्यासी शामिल होंगे, जिनमें महासचिव चंपत राय, निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी, शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज, जगद्गुरु मध्वाचार्य विश्वप्रसन्नतीर्थ, युगपुरुष स्वामी परमानंद, महंत दीनेंद्र दास और डॉ. अनिल मिश्र शामिल हैं।
बैठक में दिनेश चंद्र और गोपाल राव के साथ-साथ केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि और अयोध्या के जिलाधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रस्ट की पिछली बैठक 9 सितंबर को हुई थी। अब यह पहली महत्वपूर्ण बैठक है, जिसमें मंदिर परिसर से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय होने की आशंका है। हाल ही में संपन्न हुए ध्वजारोहण कार्यक्रम की समीक्षा और आगामी कार्यक्रमों सहित राम जन्मभूमि परिसर में अन्य निर्माण कार्यों पर चर्चा होने की संभावना है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में राम मंदिर निर्माण से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
ज्ञात हो कि 25 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा का औपचारिक ध्वजारोहण हुआ। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा था, "राम मंदिर का गौरवशाली ध्वज, विकसित भारत के नवजागरण की संस्थापना है। ये ध्वज नीति और न्याय का प्रतीक हो, ये ध्वज सुशासन से समृद्धि का पथ प्रदर्शक हो और ये ध्वज विकसित भारत की ऊर्जा बनकर इसी रूप में सदा आरोहित रहे भगवान श्री राम से यही कामना है। जय जय सियाराम।"