क्या शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे?

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क्या शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे?

सारांश

आज भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि उनका यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा को नया मुकाम देगा? जानें उनके सफर के बारे में।

Key Takeaways

  • शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में पहला कदम भारतीय विज्ञान का प्रतीक है।
  • उनका मिशन भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है।
  • स्पेसएक्स ड्रैगन में यात्रा के दौरान विशेष प्रयोग किए जाएंगे।
  • शुक्ला ने भारतीय तिरंगे के साथ अंतरिक्ष में जाने का संकल्प लिया है।
  • यह यात्रा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने के करीब हैं। शुभांशु शुक्ला अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ गुरुवार सुबह 7 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे।

लखनऊ में जन्मे शुक्ला की उड़ान फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से सुबह 2:31 बजे ईडीटी (भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे) पर फाल्कन 9 रॉकेट पर एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में शुरू हुई थी।

नासा ने एक अपडेट में जानकारी दी, "बुधवार को 2:31 बजे ईडीटी पर कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर बढ़ रहा है, जिसमें एक्सिओम मिशन 4 के चालक दल के चार सदस्य हैं।"

ड्रैगन में एक्स-4 कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला, और मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विज्निएव्स्की और टिबोर कपू सवार हैं।

नासा ने बताया कि यह गुरुवार सुबह 7 बजे हार्मनी मॉड्यूल के अंतरिक्ष-सामने वाले पोर्ट पर डॉक करेगा।

41 साल बाद भारत का एक अंतरिक्ष यात्री फिर से अंतरिक्ष में है। शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे।

आईएसएस की ओर जाते समय अपने संदेश में शुक्ला ने कहा, "नमस्ते, मेरे प्यारे देशवासियों। क्या शानदार यात्रा है। 41 साल बाद हम फिर से अंतरिक्ष में हैं। यह एक अद्भुत अनुभव है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं।"

शुक्ला ने कहा, "यह सिर्फ मेरी यात्रा नहीं है। मैं अपने साथ भारतीय तिरंगा ले जा रहा हूं। यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की यात्रा है।"

शुभांशु शुक्ला ने अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम का रस ले जाने का निर्णय लिया है, ताकि अंतरिक्ष में घर के खाने की क्रेविंग को शांत कर सकें और अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इसे साझा कर सकें।

एक्सिओम-4 मिशन न केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि भारत की वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में उभरती स्थिति का प्रमाण है। यह देश की अंतरिक्ष नवाचार में नेतृत्व करने, स्थिरता को बढ़ावा देने और वैश्विक मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता को दर्शाता है।

आईएसएस पर पहुंचने के बाद शुभांशु शुक्ला भोजन और अंतरिक्ष पोषण से संबंधित प्रयोग करेंगे।

ये प्रयोग इसरो और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सहयोग से नासा के समर्थन के साथ विकसित किए गए हैं। इनका उद्देश्य लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा के लिए महत्वपूर्ण टिकाऊ जीवन-रक्षा प्रणालियों की समझ को बढ़ाना है।

शोध में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष विकिरण के खाद्य सूक्ष्म शैवालों पर प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर, उच्च क्षमता वाला खाद्य स्रोत है। प्रयोग में प्रमुख विकास मापदंडों का मूल्यांकन किया जाएगा और विभिन्न शैवाल प्रजातियों में अंतरिक्ष में होने वाले ट्रांसक्रिप्टोमिक, प्रोटीओमिक और मेटाबोलोमिक परिवर्तनों की तुलना पृथ्वी पर उनके व्यवहार से की जाएगी।

Point of View

हमें गर्व है कि शुभांशु शुक्ला जैसे युवा भारतीय अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यह केवल भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के भविष्य की दिशा भी तय करेगा। हमें गर्व है कि हम अंतरिक्ष में अपनी पहचान बना रहे हैं।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

शुभांशु शुक्ला कब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे?
शुभांशु शुक्ला गुरुवार सुबह 7 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे।
शुभांशु शुक्ला का मिशन क्या है?
उनका मिशन एक्सिओम-4 है, जिसमें वे भोजन और अंतरिक्ष पोषण से संबंधित प्रयोग करेंगे।
क्या शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं?
नहीं, वे 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
शुभांशु शुक्ला के साथ कौन-कौन हैं?
उनके साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी हैं।
उन्हें क्या खास ले जाने का निर्णय लिया है?
उन्होंने गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम का रस ले जाने का निर्णय लिया है।