क्या एसआईए ने नार्को-आतंकवाद और टेरर फंडिंग केस में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की?

सारांश
Key Takeaways
- एसआईए ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की।
- यह मामला नार्को-आतंकवाद से जुड़ा है।
- जांच में हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।
- आरोपियों ने नशीले पदार्थों की बिक्री से संपत्ति अर्जित की।
- मामले की आगे की जांच जारी है।
जम्मू, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर में राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने एक मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की है। यह मामला 2022 में शुरू हुआ, जब एक एफआईआर दर्ज की गई थी। यह केस पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों और उनके जम्मू-कश्मीर में सक्रिय नेटवर्क से संबंधित नार्को-आतंकवाद एवं टेरर फंडिंग का है।
एसआईए की जांच में आतंकियों के सहयोगियों और कूरियर का एक नेटवर्क सामने आया, जो आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की सहायता कर रहा था। यह नेटवर्क पाकिस्तान से नशीले पदार्थों की तस्करी करता था और उन्हें जम्मू-कश्मीर में बेचता था, जिससे कमाए गए पैसों का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि इस नेटवर्क के कई सदस्यों ने नशीले पदार्थों की बिक्री से बड़ी संपत्ति अर्जित की, जबकि उनके पास वैध आय का कोई स्रोत नहीं था।
चार्जशीट में जिन 11 आरोपियों के नाम शामिल हैं, उनमें खालिद हुसैन, हरप्रीत सिंह, मोहम्मद शौकीत, जावेद अहमद राथर, मंजूर अहमद, चैन सिंह, साहिल कुमार, आसिफ रहमान रेशी, संदीपक सिंह, बशारत अहमद भट और सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह शामिल हैं।
सभी आरोपी जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों के निवासी हैं। इनमें से बशारत अहमद भट एक सक्रिय आतंकवादी है, जो वर्तमान में पाकिस्तान के रावलपिंडी में रह रहा है। बडगाम का निवासी सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह यहां का मुजाहिदीन प्रमुख रह चुका है।
एसआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पाकिस्तान से नशीले पदार्थों को जम्मू-कश्मीर में भेजा जाता था, और इनकी बिक्री से प्राप्त पैसे को बशारत अहमद भट के निर्देश पर एक आरोपी के बैंक खाते में जमा किया जाता था। ये आरोपी स्थानीय युवाओं को नशीले पदार्थों की सप्लाई करने वाले प्रमुख ड्रग डीलर थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, ड्रग डीलर ने नशीले पदार्थों की बिक्री के लिए अन्य आरोपियों को काम पर रखा था।
जांच से यह स्पष्ट होता है कि यह सभी साजिश पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा शांति को भंग करने और जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने की एक योजना का हिस्सा थी। एसआईए ने बताया कि मामले की आगे की जांच जारी है, ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान की जा सके और उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।