क्या सीबीआई ने रिश्वतखोरी मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में एक पीईएसओ अधिकारी को गिरफ्तार किया।
- 26 लाख रुपए की नकदी बरामद की गई।
- रिश्वतखोरी के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
- आरोपियों को विशेष अदालत में पेश किया गया।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में पीईएसओ अधिकारी और एक निजी व्यक्ति को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपियों को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
सीबीआई ने रिश्वतखोरी के इस बड़े मामले का खुलासा करते हुए पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ), पश्चिम सर्किल कार्यालय, नवी मुंबई के संयुक्त मुख्य विस्फोटक नियंत्रक और एक निजी व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए पीईएसओ अधिकारी का नाम राजेंद्र रावत और निजी व्यक्ति का नाम राहुल है।
सीबीआई को जानकारी मिली थी कि आरोपी अधिकारी निजी सलाहकारों और एजेंटों के जरिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त है। इसके बाद एजेंसी ने एक जाल बिछाया। इस प्रक्रिया में एक निजी व्यक्ति को आरोपी अधिकारी के आवास पर पार्सल पहुंचाते समय पकड़ा गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह अधिकारी की पत्नी को 9 लाख रुपए की रिश्वत देने आया था। तलाशी के दौरान 7.5 लाख रुपए की अतिरिक्त बेहिसाबी नकदी भी बरामद की गई।
कार्यालय की तलाशी में एक अन्य एजेंट ने बताया कि वह 8 लाख रुपए की रिश्वत लेकर आया था, जो उसके वाहन से जब्त की गई। वहीं मौके पर मौजूद एक आर्किटेक्ट ने एक अन्य लोक सेवक के लिए 1.5 लाख रुपए की रिश्वत लाने की बात स्वीकार की।
सीबीआई ने आरोपी अधिकारी के आवास और कार्यालय से कुल 26 लाख रुपए की नकदी जब्त की है। इसके अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज, चैट रिकॉर्ड और पीईएसओ आवेदनों की सूची भी बरामद की गई है। दोनों आरोपियों को शनिवार को ठाणे स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 1 अक्टूबर तक पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
इससे पहले, सीबीआई ने घर खरीदारों से धोखाधड़ी और वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के साथ सांठगांठ के आरोपों पर कोलकाता, बेंगलुरु और मुंबई के बिल्डरों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने 6 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और तीनों महानगरों में कुल 12 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया है।