क्या सिख डिप्टी कमिश्नर पर 'आप' विधायक मेहराज मलिक की अभद्र टिप्पणी उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- मेहराज मलिक ने सिख डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग किया।
- भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- सिख समुदाय में इस टिप्पणी के खिलाफ गहरी नाराजगी है।
- सिरसा ने उपराज्यपाल से कार्रवाई की मांग की।
- राजनीतिक बयानबाजी का सामाजिक प्रभाव होता है।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक को सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इस घटना ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है, और सिख समुदाय से जुड़े नेताओं ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
दिल्ली सरकार में मंत्री और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए मेहराज मलिक पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विधायक मेहराज मलिक, जो आम आदमी पार्टी से हैं, ने सिख डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह के खिलाफ बेहद घटिया शब्दों का प्रयोग किया। उन्होंने उनके परिवार पर भी अभद्र टिप्पणी की।
सिरसा ने आरोप लगाया कि जब से अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को पंजाब के लोगों ने नकारा है, तब से ये लोग अपने विधायकों के माध्यम से सिखों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों में लगे हुए हैं। मेहराज मलिक और उनके आकाओं में इतनी हिम्मत नहीं कि वे ऐसा कह सकें या ऐसा करने की सोच भी सकें।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग की कि मेहराज मलिक के खिलाफ सिखों की भावनाएं आहत करने का मुकदमा दर्ज किया जाए और उनके आकाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
सिरसा ने मेहराज मलिक को चेतावनी देते हुए कहा कि जिनके बल पर आप उछल रहे हैं, वे भी आपको नहीं बचा पाएंगे।
इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए सिरसा ने लिखा, "आप विधायक मेहराज मलिक की सिखों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी 'आप' नेतृत्व की खतरनाक मानसिकता को उजागर करती है। जब से पंजाबियों ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के झूठे वादों को भारी बहुमत से नकार दिया है, तब से उनकी हताशा सिख समुदाय के प्रति खुली दुश्मनी में बदल गई है।"
उन्होंने आगे लिखा, "इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि आत्ममंथन करने के बजाय, 'आप' अहंकार और गाली-गलौज का रास्ता अपना रही हैं। मैं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से आग्रह करता हूं कि वे कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। उनके नफरत भरे भाषण और विभाजनकारी आचरण के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।