क्या सिंहपर्णी वास्तव में औषधीय गुणों का खजाना है?
सारांश
Key Takeaways
- सिंहपर्णी एक अद्भुत औषधीय पौधा है।
- यह कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ सुरक्षा करता है।
- लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में सहायता करता है।
- रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मददगार।
- आप इसे चाय और सूप में शामिल कर सकते हैं।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिंहपर्णी एक सामान्य लेकिन अत्यधिक गुणकारी औषधीय पौधा है। इसके पत्तों, जड़ और फूल का उपयोग प्राकृतिक चिकित्सा में कई वर्षों से किया जा रहा है। आमतौर पर, यह छोटा सा पौधा शरीर के अंदर से साफ करके कई बीमारियों से रक्षा करता है।
इसकी कैंसर रोधी क्षमताओं पर चर्चा करें तो इसमें ल्यूटोलिन और विटामिन-सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को समाप्त करते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि इसकी जड़ का अर्क कुछ कैंसर कोशिकाओं पर कीमोथेरेपी जैसी प्रतिक्रिया दे सकता है, बिना सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए।
यह लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है और पित्त निर्माण को बढ़ाता है, जिससे पाचन में सुधार होता है और भारीपन, अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं। जिन लोगों को फैटी लिवर या शराब/दवाइयों के कारण लिवर में समस्याएं होती हैं, उनके लिए यह पौधा अत्यंत लाभकारी है। इसके साथ-साथ इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
यह पौधा प्राकृतिक मूत्रवर्धक भी है। यह शरीर से अतिरिक्त पानी और नमक को निकालता है, जिससे सूजन, पानी भरना और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है। मूत्र संक्रमण में भी यह सहायक है। इसके अलावा, इसमें भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह त्वचा को चमकदार रखता है, उम्र के असर को धीमा करता है और कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखता है।
सिंहपर्णी रक्त शर्करा नियंत्रण में भी सहायक है, क्योंकि इसमें मौजूद इनुलिन शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। यह हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि इसमें कैल्शियम और विटामिन-के प्रचुर मात्रा में होते हैं। प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने, वजन नियंत्रित रखने और पाचन सुधारने में यह पौधा कई प्रकार से मददगार साबित होता है।
इसे आप चाय, सूप, सलाद, रस या सप्लीमेंट के रूप में ले सकते हैं। इसके साथ डीआईपी डाइट अपनाने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं।